सप्ताहांत में १००-१४० उपनगरीय सेवाएं होंगी निरस्त
सामना संवाददाता / मुंबई
पश्चिम रेलवे ने गोरेगांव और कांदिवली के बीच ४.५ किलोमीटर लंबी छठी लाइन का निर्माण कार्य शुरू करने की योजना बनाई है, लेकिन यह प्रोजेक्ट मुंबईकरों के लिए असुविधाओं का कारण बन सकता है। यह कार्य २७ अगस्त, २०२४ की रात से शुरू होकर ६ अक्टूबर, २०२४ तक चलेगा, जिसमें ३५ दिनों तक निर्माण गतिविधियां चलेंगी।
हालांकि, रेलवे का दावा है कि इस काम के दौरान यात्रियों को न्यूनतम असुविधा होगी, लेकिन हकीकत में उपनगरीय और लंबी दूरी की ट्रेन सेवाओं पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ने की प्रबल संभावना है। सप्ताहांत पर लगभग १००-१४० उपनगरीय सेवाओं को निरस्त किया जाएगा और ४० सेवाओं को शॉर्ट टर्मिनेट किया जाएगा। इससे मुंबई के लाखों दैनिक यात्रियों को अपनी यात्रा की योजना में बदलाव करना पड़ेगा और समय पर अपने गंतव्य तक पहुंचना मुश्किल हो सकता है।
लंबी दूरी की ट्रेनों पर भी असर
लंबी दूरी की ट्रेनों को भी इस काम के कारण १५ से २० मिनट तक रोका जाएगा, जिससे यात्रा में विलंब हो सकता है। इसके परिणामस्वरूप, लंबी दूरी की यात्राओं में देरी हो सकती है, जो यात्रियों के लिए असुविधाजनक साबित हो सकती है। विशेष रूप से गणेशोत्सव के दौरान ११ से १७ सितंबर के बीच काम स्थगित रखा जाएगा, लेकिन इसके बाद निर्माण कार्य के तेजी से पुनरारंभ होने से यात्रियों की परेशानियां और बढ़ सकती हैं। यह भी चिंता का विषय है कि मालाड स्टेशन के पास जगह की कमी के कारण पश्चिम दिशा में नई लाइन बिछाई जाएगी, जिससे मौजूदा पटरियों को स्थानांतरित करना होगा और यह प्रक्रिया स्थानीय निवासियों के लिए एक बड़ा सिरदर्द बन सकती है।