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विरार-दहानू रोड चौहरीकरण की धीमी चाल … ७ महीनों में मात्र ५ प्रतिशत काम

– यात्रियों का सुहाने सफर का बढ़ा इंतजार
– २०२६ तक पूरा करने का लक्ष्य मुश्किल

अभिषेक कुमार पाठक / मुंबई
मुंबई और उसके आस-पास की प्रमुख रेल परियोजनाएं धीमी प्रगति के कारण गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही हैं। दिसंबर २०२३ तक की प्रगति और जुलाई २०२४ तक के नए अपडेट्स ने इन परियोजनाओं की धीमी रफ्तार और समस्याओं को उजागर किया है। विरार-दहानू रोड रेल लाइन का चौहरीकरण होना मुंबई और दहानु रोड के यात्रियों के लिए बहुत जरूरी है।
बता दें कि विरार-दहानु रोड चौहरीकरण पालघर, दहानू रोड और बोईसर जैसे पश्चिम रेलवे के दूर-दराज के लोकल स्टेशनों के यात्रियों लिए बेहद जरूरी है। इस परियोजना में हो रही देरी और धीमी प्रगति से मुंबई और उसके आसपास के यात्रियों को भविष्य में और अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। वित्तीय चुनौतियां और स्थानीय विरोध भी इन परियोजनाओं की समय पर पूर्णता में बाधा बन रहे हैं। यदि जल्द ही इन समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो तय समय-सीमा पर परियोजनाओं का पूरा होना कठिन हो सकता है।
३,५७८ करोड़ रुपए की लागत से मंजूर इस परियोजना का २०२६ तक पूरा करने का लक्ष्य है, लेकिन दिसंबर २०२३ तक केवल २३ प्रतिशत काम ही पूरा हो पाया है। अब तक कुल ८२५.२७ करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं, जबकि १०० फीसदी भूमि अधिग्रहण का दावा किया गया है। हालांकि, प्रगति की धीमी गति से परियोजना की समय समाप्ति पर सवाल उठ रहे हैं। विरार-दहानु रोड खंड का चौहरीकरण, जो उपनगरीय और लंबी दूरी की ट्रेन सेवाओं को अलग करने के लिए चल रहा है, वह भी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा है। दिसंबर २०२३ तक इस परियोजना का केवल २३ फीसदी काम ही पूरा हो पाया था, जो अब जुलाई २०२४ में २८ प्रतिशत तक पहुंचा है। मुंबई रेलवे विकास निगम द्वारा संचालित इस परियोजना का भी लक्ष्य २०२६ तक पूरा करना है, लेकिन मौजूदा प्रगति की रफ्तार से यह मुमकिन नहीं लगता।

दहानू रोड से मुंबई के लिए सीमित ट्रेन सेवा
दहानू रोड से मुंबई के लिए दिनभर में मात्र ३० लोकल ट्रेन सेवाओं के कारण यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। बता दें कि इनमें से कई ट्रेन विरार में ही रुक जाती हैं। कुछ ही ट्रेन हैं, जो चर्चगेट तक यात्रियों को सेवा देती हैं। लंबी दूरी की ट्रेनों और उपनगरीय ट्रेनों के एक ही ट्रैक पर चलने के कारण यात्री लंबे समय तक इंतजार करने को मजबूर हैं। धीमी गति से चल रही विरार-दहानू रोड चौहरीकरण परियोजना ने इस समस्या को और बढ़ा दिया है।

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