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डंपिंग ग्राउंड की जगह पर झुग्गियों ने जमाया कब्जा! …उत्तन डंपिंग ग्राउंड में कचरा प्रबंधन में झोल

– ७५ एकड़ जमीन की गई है आवंटित
– ७ एकड़ में ही हो रहा है कचरा प्रबंधन

अमर झा / भायंदर
महाराष्ट्र राज्य विधानमंडल के मानसून सत्र का शुक्रवार को आखिरी दिन था। इस मौके पर मीरा-भायंदर की विधायक गीता जैन ने शहर के अहम मुद्दे सदन के सामने रखे। जिसमें उत्तन स्थित कचरा डंपिंग ग्राउंड में कचरा प्रबंधन प्रोजेक्ट एवं मानसून में कोली बंधुओं की मछली पकड़ने की समस्या प्रमुख है।
नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है खामियाजा
इस समय, शहर के कोली बंधुओं को सरकार द्वारा बरसात के मौसम में ७ जून से १५ अगस्त तक कुछ दिनों तक समुद्र में मछली पकड़ने के लिए न जाने का आदेश दिया जाता है, लेकिन इस वर्ष सरकार ने बगैर किसी पूर्व सूचना के इन तारीखों को १ अगस्त से १५ अगस्त कर दिया है। जिसको लेकर गीता जैन ने सदन में मांग की है कि तूफानी मौसम के कारण कोली बंधुओं को काफी नुकसान हो सकता है, इसलिए इन तारीखों में बदलाव किया जाए। इसके साथ ही उत्तन स्थित कचरा डंपिंग ग्राउंड से नागरिकों को काफी परेशानी हो रही है। यहां कचरा प्रबंधन प्रोजेक्ट के लिए ७५ एकड़ जमीन दी गई थी। इसमें से सिर्फ ७ एकड़ में ही कचरा प्रबंधन का काम चल रहा है। बाकी जगह पर झुग्गियों ने कब्जा कर लिया है और इसका खामियाजा नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है।
कठिनाइयों को दूर करने की उठी मांग
ऐसे मुद्दों के साथ-साथ गीता ने युवाओं के विकास के लिए ९ जिलों में तकनीकी शिक्षा के माध्यम से सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी देने वाले केंद्र की स्थापना, सरकार द्वारा १०० कॉलेजों के निर्माण की घोषणा, नए बजट में परिवहन सेवा में बस सेवा बढ़ाने की योजना जैसी तीनों योजना से मीरा भायंदर को भी जोड़ा जाए, साथ ही एमएमआरडीए आवासों के हस्तांतरण की प्रक्रिया एवं उत्तन में प्रलंबित जैव विविधता पार्क की स्थापना में आई कठिनाइयों को दूर करने की मांग सदन में रखी।

निर्धारित मानदंडो के अनुसार कचरा प्रबंधन नहीं
अदालत ने कचरा प्रबंधन निकाय को आईआईटी मुंबई के शोधकर्ताओं के मानदंडों के अनुसार कचरे को संसाधित करने के लिए कहा था, लेकिन संबंधित संस्था में तकनीक के अभाव के कारण वह इस कचरे का प्रबंधन निर्धारित मानदंडो के अनुसार नहीं कर पाए। इससे साफ होता है कि भ्रष्टाचार के जरिए कंपनी को काम दिया गया है। इस पर भी गीता जैन ने सदन से मांग की कि इस संस्था को दिया गया काम रद्द किया जाए और कचरा प्रबंधन उन्नत तकनीशियनों से नई संस्था के माध्यम से कराया जाए। क्योंकि यह कचरा यहां के नागरिकों के लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर रहा है।

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