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स्मार्ट मीटर की आड़ में ‘स्मार्ट’ वसूली! …केंद्र-राज्य सरकार की १६ हजार करोड़ रुपए वसूलने की तैयारी

 

उपभोक्ता संघ के अध्यक्ष प्रताप होगाडे का दावा
राज्य में लगेंगे सवा दो करोड़ स्मार्ट मीटर
सामना संवाददाता / मुंबई
केंद्र सरकार के ऊर्जा मंत्रालय की ‘नेशनल स्मार्ट ग्रिड मिशन’ योजना के तहत स्मार्ट वसूली की योजना बनाई है। इस योजना के तहत मार्च २०२५ के अंत तक देशभर में लगभग २२.२३ करोड़ मीटर लगाने का लक्ष्य घोषित किया गया है। वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, फिलहाल देश में एक करोड़ आठ लाख मीटर लगाए जा चुके हैं। इस योजना के मुताबिक, महाराष्ट्र में दो करोड़ पच्चीस लाख पैंसठ हजार स्मार्ट मीटर लगाने का पैâसला किया गया है। इस योजना के माध्यम से, कृषि पंपों को छोड़कर राज्य के सभी बिजली उपभोक्ताओं के लिए स्मार्ट मीटर/प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। सरकार ने स्मार्ट मीटर, ट्रांसफार्मर मीटर के लिए कुल ३९ हजार ६०२ करोड़ रुपए के खर्च को मंजूरी दी है।
महावितरण कंपनी द्वारा जारी टेंडर को ७ अगस्त २०२३ को मंजूरी दे दी गई है। इन स्वीकृत निविदाओं के नियम एवं शर्तों के अनुसार, आपूर्तिकर्ता को सभी मीटरों की स्थापना एवं संबंधित प्रणालियों का निर्माण लगभग २७ माह में पूरा करना होगा तथा उसके बाद उक्त मीटरों की मरम्मत, रखरखाव एवं संबंधित कार्य पूरा करना होगा। अगले सात से आठ महीने के समय में वास्तविक काम दिसंबर २०२३ के अंत में शुरू होने की उम्मीद थी। उस समय यह शुरू नहीं हुआ था। फिर यह घोषणा की गई कि काम मार्च २०२४ से शुरू होगा। इसके बाद उम्मीद है कि अगले दो-तीन महीने में काम शुरू हो जाएगा।
‘बेहतर वितरण क्षेत्र’ योजना के तहत शुरू किए गए इस कार्य के लिए ६० प्रतिशत सब्सिडी केंद्र सरकार द्वारा दी जाएगी, शेष ४० प्रतिशत राशि महावितरण कंपनी द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से ग्राहकों से वसूली जाएगी। इसके लिए ४० प्रतिशत राशि महावितरण कंपनी ऋण के रूप में जुटाएगी, यह तय है कि कंपनी २०२४ के अंत तक दायर किए जाने वाले अपने अगले दर वृद्धि प्रस्ताव में इस राशि की मांग करेगी। रकम का ४० फीसदी मतलब १६ हजार करोड़ रुपए और ब्याज समेत सारा खर्च ग्राहक के बिल से वसूला जाएगा, ऐसा दावा प्रताप होगाड़े ने किया है।

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