सामना संवाददाता / नई दिल्ली
नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही भाजपा में कई बड़े नेता ७५ वर्ष की आयु पार करने के बाद सक्रिय राजनीति से संन्यास ले चुके हैं। इसी वजह से लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे दिग्गजों को `मार्गदर्शक मंडल’ में बैठना पड़ा था। सुमित्रा महाजन जैसी बड़ी नेता भी चुनाव में नहीं उतर पार्इं थीं। पीएम मोदी १७ सितंबर को ७५ साल के हो जाएंगे तो अब कई लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या मोदी राजनीति से बाहर जाएंगे या नहीं? इस बीच बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने मोदी को चेतावनी दी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म `एक्स’ पर लिखा, `यदि मोदी आरएसएस प्रचारक के संस्कार के प्रति प्रतिबद्ध होकर १७ सितंबर को अपने ७५वें जन्मदिन के बाद मार्गदर्शन मंडल में जाने के लिए रिटायरमेंट का एलान नहीं करते हैं तो वे अन्य तरीकों से अपनी पीएम कुर्सी खो देंगे।’ बता दें कि सुब्रह्मण्यम स्वामी इसके पहले भी कई बार पीएम मोदी की आलोचना कर चुके हैं।
हालांकि, सुब्रह्मण्यम स्वामी ने ये नहीं बताया कि वो दूसरे तरीके क्या होंगे, जिस वजह से पीएम मोदी को अपनी कुर्सी खोनी पड़ सकती है। बता दें कि इस बार लोकसभा चुनाव में बीजेपी अकेले दम पर बहुमत हासिल नहीं कर पाई है, लेकिन फिर भी वो इस चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। सुब्रह्मण्यम स्वामी का इशारा शायद गठबंधन की मजबूरी या फिर `नैतिक दबाव’ की तरफ हो सकता है।