-योगी सरकार के फैसले से एनडीए में खट-पट
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के मार्गों पर मौजूद दुकानों के सामने नेमप्लेट लगाने के आदेश से विवाद खड़ा हो गया है। इस मामले को लेकर राज्य की योगी सरकार अपने सहयोगी दलों के ही निशाने पर आ गई है। एनडीए में शामिल आरएलडी के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने नेमप्लेट वाले पैâसले को लेकर कल अपना विरोध जताया। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि क्या अब कुर्ते पर भी नाम लिखवा लें?
जयंत ने कल मीडिया सें बात करते हुए कहा, ‘कांवड़ यात्री जाति और धर्म देखकर किसी दुकान की सेवा नहीं लेता है। इस मुद्दे को धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। मुझे लगता है कि सोच-विचारकर फैसला नहीं लिया गया है। अब फैसला हो गया तो सरकार उस पर टिकी हुई है। सरकार में कभी-कभी ऐसा हो जाता है। मगर अभी समय है और सरकार को फैसला वापस ले लेना चाहिए।’ जयंत चौधरी ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा, ‘सब प्रतिष्ठान अपना नाम लिखें, यह सही नहीं है। आखिर मैकडॉनल्ड क्या लिखेगा। खतौली में बर्गर किंग की दुकान है तो वो क्या लिखेगा। सरकार या तो फैसला वापस ले या फिर प्रशासन इस पर कोई जोर न दे। जो दुकानदार अपनी मर्जी से नेमप्लेट लगाना चाहें, वहीं लगाएं। हालांकि, मैं ऐसा देख रहा हूं कि कहीं प्रशासन की ओर से दुकानदारों पर जोर-जबरदस्ती नहीं की जा रही है।’ उन्होंने कहा कि जहां तक वेज और नॉनवेज का सवाल है, उसमें सेंस है। अगर कोई वेजेटेरियन है तो उसके सामने यह प्रमाणित होना चाहिए कि जो चीज वह खा रहा है, वो वेज ही हो। मगर, क्या हम इस पर पाबंदी लगा सकते हैं कि नॉनवेज खाने वाला आदमी वेज चीज न बनाए या न परोसे? आप देखिए कि मुसलमान वेजिटेरियन हैं और हिंदू मीट खाने वाले भी हैं। इस दौरान किसी पत्रकार ने जयंत चौधरी से कहा कि अब तो यूपी में टायर और पंक्चर की दुकानों पर भी नेमप्लेट लग रहे हैं। इस पर रालोद अध्यक्ष ने कहा, ‘आखिर कहां-कहां नाम लिखवाओगे। क्या अब कुर्ते पर भी लिखवाना शुरू करेंगे कि किससे हाथ मिलाना है और किसे गले लगाना है।’