अनिल मिश्रा
उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के रहनेवाले अब्दुल मजिद आज से तकरीबन ७० वर्ष पूर्व आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण अपने चचेरे भाई के पास उल्हासनगर स्थित आजाद नगर आ गए थे। आठवीं तक पढ़ाई करनेवाले अब्दुल मजिद के चचेरे भाई सिलाई का काम करते थे इसलिए अब्दुल मजिद भी सिलाई का काम सीखकर रेडिमेड सिलाई का काम करने लगे। कड़ी मेहनत कर गांव में माता-पिता सहित दो लड़के और दो लड़कियों को अच्छी शिक्षा देकर अधिकारी बनाने का उनका विचार था, परंतु लड़के दसवीं तक और लड़कियों ने आठवीं तक ही पढ़ाई की। लड़के-लड़कियों का ब्याह करने और १५ वर्षों तक रेडिमेड की दुकान पर सिलाई करने के बाद उन्होंने खुद का रेडिमेड कारखाना खोल दिया। कुछ समय बाद दोनों लड़के भी रेडिमेड व्यवसाय में अब्दुल मजिद का हाथ बंटाने लगे। आज अब्दुल मजिद की स्थिति काफी बेहतरीन है और वो यहां से लेकर गांव तक सम्मानित जिंदगी जी रहे हैं। रेडिमेड का काम करते हुए सामाजिक कार्य करनेवाले अब्दुल मजिद ४५ वर्षों से कांग्रेस के पदाधिकारी हैं। आजाद नगर में मस्जिद और मदरसा शुरू करवानेवाले अब्दुल मजिद ने हजारों लोगों को धार्मिक व अन्य शिक्षण दिया। आज अब्दुल मजिद रेडिमेड की दुनिया के मास्टर हैं अर्थात रेडिमेड कपड़े की कटिंग करते हैं। उन्होंने अपनी जमीन मस्जिद व मदरसे को दान दे दी। लोगों की परेशानी को देखते हुए अब्दुल मजिद टैक्स, पानी, लाइट, राशन कार्ड, पुलिस आदि तरह की समस्याओं के निराकरण के लिए लगातार प्रयास करते हुए लोगों की मदद करते हैं। गांव, परिवार और नाते-रिश्तेदारों सहित तकरीबन तीन सौ लोगों को पनाह देने के साथ ही रोजगार देकर उन्हें खुशहाल करनेवाले अब्दुल मजिद ने कांग्रेस में रहते हुए पप्पू कालानी और ज्योति कालानी को विधायक बनने में मदद की। इतना ही नहीं, डॉ. एस.बी. सिंह की पत्नी को नगरसेवक बनाने में उन्होंने काफी मदद की। दो बार नगरसेवक चुनकर लाए। अब आगामी चुनाव में आजाद नगर को नशेबाज युवकों, गुंडों, वसूली बाजों से आजाद कराना है। अपने हित का ध्यान न रखते हुए समाज के हित में काम करने की मंशा रखनेवाले अब्दुल मजिद आजाद नगर को स्वच्छ और मच्छरों से मुक्त बनाना चाहते हैं। अब्दुल मजिद कहते हैं कि आजाद नगर को ऐसा बनाएंगे, जहां जाति और धर्म का नामोनिशान नहीं रहेगा।