मुख्यपृष्ठस्तंभसमाज के सिपाही : नैतिक मूल्यों से नहीं किया समझौता

समाज के सिपाही : नैतिक मूल्यों से नहीं किया समझौता

प्रेम यादव

राजेश सिंह की जीवन यात्रा हिम्मत, दृढ़ संकल्प और समाज सेवा के प्रति समर्पण की मिसाल है। २००७ में भारत की प्रमुख प्रिंटिंग कंपनी जैक प्रिंटर्स प्रा.लि. में बतौर असिस्टेंट मैनेजर के रूप में शुरुआत करनेवाले राजेश सिंह कड़ी मेहनत के बलबूते २०१० में कंपनी के एसोसिएट पार्टनर बन गए। बचपन में ही अपने घर प्रतापगढ़ में विधायकों और सांसदों का आना-जाना देखने वाले राजेश सिंह के मन में समाजसेवा और लोगों से जुड़ने की भावना प्रबल हो गई थी क्योंकि इनका परिवार शुरू से ही राजनीति एवं सामाजिक कार्यों से जुड़ा है।
राजेश सिंह का हमेशा से समाजसेवा में विशेष योगदान रहा है, फिर चाहे वह सांस्कृतिक कार्यक्रम हो या राहत कार्य, इन्होंने हर मौके पर लोगों की मदद के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया है। कोरोना महामारी के दौरान जब लोग घरों में वैâद थे, राजेश सिंह ने जरूरतमंदों तक दवाइयां, मास्क और अन्य जरूरी सामग्रियां पहुंचाई। इसके साथ ही प्रवासी मजदूरों को उनके गांव भेजने और सरकारी कार्यालयों में आ रही बाधाओं को दूर करने में भी उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई। राजेश सिंह की राजनीतिक यात्रा २००८ में वॉर्ड अध्यक्ष बनने से हुई और उसके बाद उन्होंने भारतीय जनता पार्टी से जुड़कर काम करना शुरू किया। २०१५ में उन्हें मीरा-भायंदर का मंडल सचिव बनाया गया, जहां उन्होंने ग्राउंड लेवल पर पार्टी को मजबूत करने का काम किया, लेकिन अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के प्रति बीजेपी की निष्क्रियता से निराश होकर उन्होंने शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे से प्रेरित होकर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की सदस्यता ग्रहण कर ली। समाजसेवा और राजनीति के प्रति राजेश सिंह के समर्पण को देखते हुए शिवसेना ने उन्हें मीरा-भायंदर का उपशहर प्रमुख बनाया। राजेश सिंह का प्रतापगढ़ के प्रसिद्ध नेता रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया से गहरा संबंध है, जिन्हें वे अपना गुरु मानते हैं। २०२१ में उन्होंने प्रतापगढ़ से निर्दलीय जिला पंचायत चुनाव लड़ा, जिसमें वे तीसरे स्थान पर रहे। हालांकि, चुनाव परिणाम इनके पक्ष में नहीं रहा, लेकिन उन्होंने कभी अपने सिद्धांतों और मूल्यों से समझौता नहीं किया। आज राजेश सिंह मीरा-भायंदर में शिवसेना से बीएमसी नगरसेवक के चुनाव के लिए एक मजबूत दावेदार के रूप में उभर रहे हैं। समाज के हर वर्ग से जुड़े रहने और उनकी समस्याओं का समाधान करने की उनकी प्रतिबद्धता ने उन्हें जनता के बीच एक लोकप्रिय नेता बना दिया है। इनके परिवार में एक बेटा और एक बेटी हैं, जो धार्मिक, सांस्कृतिक और शैक्षणिक कार्यों के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। वर्तमान में राजेश सिंह शिवसेना के मीरा-भायंदर जिले के सचिव के रूप में कार्यरत हैं और शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव बालासाहेब ठाकरे और पूर्व सांसद राजन विचारे के बेहद करीबी माने जाते हैं।

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