राधेश्याम सिंह
‘बाप पर पूत नस्ल पर घोड़ा बहुत नहीं तो थोड़ा-थोड़ा’ कहावत नालासोपारा के रहनेवाले राजकुमार माताशंकर पांडे पर शत-प्रतिशत फिट बैठती है। अपने पिता के पदचिह्नों पर चलते हुए राजकुमार पांडे अपने काम-काज के साथ एनजीओ के माध्यम से पिछले कई वर्षों से समाजसेवा कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के भदोही जिले के मदनपुर के रहनेवाले माताशंकर पांडे रोजी-रोटी की तलाश में ६० वर्ष पहले मुंबई आए थे। नालासोपारा में उन्होंने अपना खुद का व्यवसाय शुरू किया। उनका व्यवसाय अच्छी तरह चलने लगा। पिता के पदचिह्नों पर चलते हुए व्यवसाय के साथ-साथ राजकुमार पांडे ने विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ जुड़कर काम शुरू किया। इसके बाद राजकुमार पांडे ने अपनी मां के नाम से उर्मिला फाउंडेशन नामक संस्था बनाई और उस संंस्था के संस्थापक, अध्यक्ष के रूप में काम करना प्रारंभ किया। उर्मिला फाउंडेशन महाराष्ट्र के साथ-साथ, उत्तर प्रदेश में भी समाजसेवा का कार्य कर रहा है। आम लोगों की समस्याओं को अपनी समस्या समझकर उनकी समस्याओं का निराकरण करना राजकुमार की प्राथमिकता है। गरीब, बेसहारा और विधवा महिलाओं को साड़ी बांटना, भरण-पोषण के लिए राशन बांटने के साथ ही जरूरतमंदों को अन्न देकर उनकी सहायता कर रहे हैं। जो बच्चा पढ़ने में होशियार होने के साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर है, उस बच्चे की फीस के साथ-साथ पढ़ाई से संबंधित खर्च उठाकर राजकुमार पांडे उसकी मदद करते हैं। उर्मिला फाउंडेशन संस्था के बैनर तले समय-समय पर फ्री ब्लड चेकअप कैंप, ब्लड डोनेशन कैंप, फ्री आई चेकअप, फ्री चश्मा वितरण कैंप, दीपावली में अनाथ बच्चों को मिठाई बांटना, ठंडी के मौसम में रोड पर सोनेवाले गरीबों और वृद्धाश्रम में कंबल बांटने के साथ ही कई दिव्यांगों को व्हील चेयर बांटी गई। लॉकडाउन में कई जरूरत मंदों सहित बुजुर्गों और महिलाओं की उन्होंने हरसंभव मदद की। बहुत ही सरल स्वभाव और मिलनसार व्यक्तित्व वाले व्यक्ति राजेश कुमार पांडे बिना किसी में भेदभाव किए हर जरूरतमंद की मदद करते हैं। फिर चाहे वो किसी भी जाति अथवा धर्म का हो। विधवा महिलाओं, जिनका कोई नहीं है उसे हर महीने राशन भरवाकर देते हैं। उर्मिला फाउंडेशन के अध्यक्ष राजकुमार पांडे का कहना है कि मेरे पिता माताशंकर पांडे समाजसेवा कर रहे हैं और मैं उनसे ही प्रेरणा लेकर समाजसेवा कर रहा हूं।