अनिल मिश्रा
आज महंगाई के इस दौर में हर व्यक्ति संघर्ष करते हुए जमाने के साथ चलने के लिए मशीन की तरह दौड़ रहा है, वहीं परिवार और समाज के लिए मशीन की तरह दौड़नेवाले मंगेश लक्ष्मण वाकचौरे २००२ में शहाड के सेंचुरी रेयान ग्रासिम कंपनी में नौकरी पर लगे। आज वो टायर कार्ड स्पिनिंग में काम करते हैं। मंगेश बताते हैं कि उनके पिता लक्ष्मण वाकचौरे भी सेंचुरी रेयान के रेयान लैब में काम कर चुके हैं। पिता की सेवा भावना से प्रेरित होकर मंगेश नौकरी के साथ समाजसेवा कर रहे हैं। दसवीं तक पढ़ाई करनेवाले मंगेश हिंदूहृदयसम्राट शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे के विचारों से प्रेरित होकर उनके समर्थक बन गए। वैसे तो सेंचुरी रेयान में काफी कामगार हैं और उनमें से कुछ समाजसेवी भी हैं, जिनमें मंगेश के नाम का भी शुमार है। सेंचुरी रेयान में काम करनेवाले मंगेश आस-पास के मरीजों को मुफ्त में एंबुलेंस से अस्पताल में भर्ती करवाते हैं। एंबुलेंस वो खुद चलाते हैं। अगर एंबुलेंस खराब हो गई तो वे उसे बनाते भी हैं। ठाणे से लेकर मुंबई के अस्पतालों तक मरीजों की सेवा करनेवाले मंगेश में कई गुण हैं। सेंचुरी रेयान में काम करते हुए अड़चन में फंसे कामगारों की भी वो सेवा में लगे रहते हैं। मंगेश शाखाप्रमुख भी हैं और पुलिस, विद्यालय में एडमिशन, मनपा, अस्पताल, राशन कार्यालय जैसे किसी भी सरकारी विभाग में फंसे लोगों की मदद करते रहते हैं। अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए वो वाहन मैकेनिक अर्थात गैरेज में भी काम करते हैं। सेवा कार्य को ईश्वर की सेवा मानकर कार्य करनेवाले मंगेश अपनी बेटी को डॉक्टर और बेटे को इंजीनियर बनाना चाहते हैं। सेंचुरी रेयान में कामगारों के हित में काम करनेवाले मंगेश जनसेवक के साथ कामगार सेवक भी हैं। कोरोना जैसी विकट परिस्थिति में मंगेश ने बिना किसी भय के मरीजों की सेवा की। मंगेश का कहना है कि सेवा में पढ़ाई का महत्व उतना नहीं होता, जितना आत्मबल व इच्छाशक्ति का होता है। मंगेश कहते हैं कि इतिहास गवाह है कि देश में काफी समाज सुधारक कम पढ़े-लिखे हैं। ऐसे लोगों का मैं अनुयायी हूं। कामगारों सहित लोगों की सेवा में सदैव तत्पर रहनेवाले मंगेश तन, मन और धन से लोगों की सेवा करते हैं। यही वजह है कि मंगेश समाज के साथ ही सेंचुरी रेयान के कामगारों में भी प्रिय हैं। मंगेश कहते हैं कि सेवा कार्य में परिवार का उन्हें भरपूर सहयोग मिलता है और उसी सहयोग की बदौलत यह सेवा कार्य संभव हो पा रहा है।