नागमणि पांडेय
देश की राजधानी दिल्ली में लगभग १५ साल पहले आर्थिक रूप से कमजोर व जरूरतमंदों के सपनों को पूरा करने और उनकी रचनाधर्मिता को खुला आकाश और लक्ष्य को शिखर तक पहुंचाने के लिए एक संस्था की नींव रखी गई थी, जिसे नाम दिया गया ‘शिखर’। दिल्ली की मलिन और पिछड़ी बस्तियों में संस्था के लोगों ने पूरे मनोयोग से कार्य का आरंभ करते हुए अपने काम द्वारा दिल्ली भर में पहचान बनाई। यह संस्था केवल दिल्ली के जरूरतमंदों को फायदा पहुंचाने तक ही नहीं रुकी, बल्कि इसका सफर तो अभी शुरू ही हुआ था और इसे बहुत कुछ करने के साथ ही लोगों तक पहुंचाना था। अत: संस्था ने अगला कदम महाराष्ट्र की तरफ बढ़ाया। यहां आकर संस्था ने उन लोगों की तलाश की, जिनके लिए संस्था का निर्माण किया गया था। संस्था ने यहां के जरूरतमंदों की पहचान कर उन्हें अपने साथ जोड़ा और उनके इरादों को बल दिया। आज के समय में शिखर संस्था ने दिल्ली के साथ ही भुसावल, मुंबई, नई मुंबई, ठाणे में अपने कार्यों का विस्तार किया है। शिखर संस्था के सीईओ नदीम अख्तर ने बताया कि महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए संस्था के माध्यम से मुफ्त सिलाई मशीन प्रशिक्षण, हस्तकला प्रशिक्षण देने के साथ ही महिलाओं को अपने आपको सुरक्षित रखने के लिए आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। युवतियों को शिक्षा प्रदान करने के लिए जामिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में महिला विद्यालय और महाविद्यालय चलाया जा रहा है। इसके साथ ही संस्था के माध्यम से मुंबई, नई मुंबई में युवक-युवतियों को मुफ्त इंग्लिश स्पीकिंग और पर्सनैलिटी डेवलपमेंट का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। नदीम अख्तर ने बताया कि इतना ही नहीं यहां से प्रशिक्षण पूरा करनेवाले युवक-युवतियों को रोजगार उपलब्ध कराने का कार्य भी शिखर की तरफ से किया गया है। नई मुंबई के तुर्भे स्टोर स्थित मनपा स्कूल में बच्चों को मुफ्त कंप्यूटर प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इसके साथ ही २ हजार से अधिक युवक-युवतियों को विभिन्न कॉर्पोरेट कंपनियों में रोजगार उपलब्ध करवाया गया है। आज के दौर में गरीब और मध्यमवर्गीय बच्चों को यूपीएससी, आईआईटी, नीट जैसी परीक्षाओं की तैयारी करना काफी महंगा साबित होता है। कई बार आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए अपने सपनों को पूरा करने में काफी दिक्कत होती है। ऐसे बच्चों के सपनों को साकार करने के लिए शिखर संस्था ने दिल्ली पुलिस की मदद से एक बेहतरीन शुरुआत की है। दिल्ली पुलिस की मदद से पुलिस स्टेशनों में लाइब्रेरी शुरू की गई है, जहां बच्चों को मुफ्त में लाइब्रेरी की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है।