मुख्यपृष्ठस्तंभसमाज के सिपाही : जिंदगी भर करना चाहती हैं समाजसेवा

समाज के सिपाही : जिंदगी भर करना चाहती हैं समाजसेवा

सगीर अंसारी

समाज के लिए कुछ करनेवाले अपना रास्ता खुद-ब-खुद बना लेते हैं। ऐसे ही समाजसेवियों में से एक महिला पूर्व सपा नगरसेविका रुखसाना नाजिम सिद्दीकी हैं, जो पिछले २८ वर्षों से बिना किसी स्वार्थ के समाजसेवा कर रही हैं। समाज के लिए दिन-रात काम करनेवाली रुखसाना सिद्दीकी अपने व्यवसाय के साथ ही पिछड़े व मध्यम लोगों के उद्धार के साथ-साथ महिलाओं की समस्याओं के लिए लगन और मेहनत से काम करती आ रही हैं। २३ वर्ष की उम्र से गरीब व बेसहारा लोगों की मदद करनेवाली रुखसाना सिद्दीकी के काम को देखते हुए समाजवादी पार्टी के मुंबई व महाराष्ट्र अध्यक्ष विधायक अबू हाशिम आजमी ने उन्हें मालाड विधानसभा क्षेत्र में महिला सेल की तालुका अध्यक्ष के पद पर काबिज किया और उनकी महिलाओं के हक दिलाने की लड़ाई को देख कुछ समय बाद उन्हें मुंबई महिला सेल की अध्यक्ष बनाया। वर्ष २०१७ के मनपा चुनाव में वॉर्ड क्र. १३६ से उन्हें उम्मीदवार बनाया, जहां से रुखसाना सिद्दीकी भारी मतों से विजयी होकर मनपा सदन पहुंचीं। गोवंडी के बैगनवाड़ी क्षेत्र में आनेवाला वॉर्ड क्र. १३६ एक स्लम क्षेत्र होने की कारण वहां काफी समस्याएं थीं, जिन्हें अबू हाशिम आजमी की मदद से रुखसाना ने खुद हल किया। घनी आबादी वाले क्षेत्र में बच्चों के खेलने व रहिवासियों के सैर के लिए कोई जगह नहीं थी। इस वजह से बच्चों और रहिवासियों को मजबूरन टहलने और खेलने के लिए डंपिंग रोड का सहारा लेना पड़ता था। लोगों की इस परेशानी को देख रुखसाना सिद्दीकी ने काफी मेहनत के बाद इस क्षेत्र में एक बड़ा गार्डन और बच्चों के खेलने के लिए मैदान का निर्माण करवाया। इसके साथ ही क्षेत्र के खस्ता हाल स्वास्थ्य केंद्र का पुनर्निर्माण करवाया। क्षेत्र में एचबीटी क्लिनिक खुलवाने के साथ ही कमला रामन नगर जैसी घनी आबादी वाले क्षेत्र की खस्ता हाल सड़कों का निर्माण करवाया। क्षेत्र में बढ़ती वारदातों को देखकर काफी जद्दोजहद कर उन्होंने एक पुलिस बीट का भी निर्माण करवाया। रुखसाना सिद्दीकी का कहना है कि यह समाज सेवा उन्हें अपनी मां से विरासत में मिली है। उन्होंने बताया कि उनकी मां भी इसी तरह गरीब दुखियारों की मदद के लिए हमेशा आगे रहीं। तन-मन-धन से गरीबों की हर तरह से मदद करनेवाली रुखसाना सिद्दीकी ने भी अपनी मां के इस कार्य को आगे बढ़ाते हुए अपनी जिंदगी समाजसेवा के नाम कर दी।

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