राधेश्याम सिंह
कहावत है कि जो दूसरों के लिए अच्छा करता है ऊपरवाला उसकी चीजें खुद-ब-खुद ठीक करता चला जाता है। अपनी मेहनत के बलबूते समाजसेवा करने के साथ ही अपना कारोबार खड़ा करनेवाले शमीम शेख उत्तर प्रदेश से कई वर्ष पहले मुंबई आए थे। मुंबई आने के बाद व्यापार को बढ़ाने के लिए दिन-रात मेहनत करनेवाले शमीम का व्यवसाय जब ऊपर वाले के आशीर्वाद से अच्छा चलने लगा तो उनके मन में समाजसेवा की इच्छा जागृत हुई। समाजसेवा करते-करते उन्होंने एक दिन राजनीतिक पार्टी ज्वॉइन कर ली। इसके बाद लगभग १५ वर्ष पहले वे नालासोपारा आ गए। वहां आने के बाद अपने व्यवसाय पर विशेष ध्यान देने के साथ ही वो समाजसेवा में सक्रिय हो गए। शमीम शेख ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि अपना व्यवसाय करने के साथ ही वे एक दिन समाजसेवा भी करेंगे। शमीम ने बताया कि जब वो नालासोपारा आए, तब उन्होंने एक बहुत बड़ी टीम तैयार की। कड़ी मेहनत की वजह से वो अपने मकसद में कामयाब हो गए। शमीम शेख अपनी ईमानदारी और मेहनत के दम पर व्यवसाय करते रहे और अपनी मेहनत के बलबूते बहुत आगे बढ़ गए। अपने व्यापार के साथ कई गरीब, बेसहारा और विधवा महिलाओं के भरण-पोषण के लिए अन्न देकर वे उनकी सहायता कर रहे हैं। किसी भी समाज का बच्चा अगर आर्थिक परेशानियों के चलते पढ़ाई नहीं कर पा रहा है तो वे उस बच्चे की फीस के साथ-साथ पढ़ाई संबंधित खर्च उठाकर उस होनहार बच्चे की पढ़ाई में उसकी हर तरह से मदद करते हैं। शमीम शेख ने बताया कि अपने व्यापार के साथ ही वो राजनैतिक पार्टी से भी जुड़े हुए हैं और अपनी सामर्थ्य के अनुसार फिर चाहे वो व्यक्ति किसी भी धर्म का क्यों न हो उसकी आर्थिक मदद करते हैं। समय-समय पर फ्री ब्लड चेकअप कैंप, ब्लड डोनेशन कैंप, फ्री आई चेकअप, फ्री में चश्मा वितरण कैंप लगा चुके हैं। शमीम शेख का कहना है कि मैं लोगों से अनुरोध करता हूं कि जिससे जितना भी हो सके उतना गरीब और बेसहारा लोगों की मदद करें क्योंकि यही मानवता का धर्म है। शेख का कहना है कि अगर हम किसी की मदद करते हैं तो ऊपर वाला हमें हर तरह से नवाजेगा। शमीम शेख चाहते हैं कि जिस तरह से वो समाजसेवा के माध्यम से जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं उनके बच्चे भी बड़े होकर उनकी ही तरह गरीब और बेसहारा लोगों की मदद करते रहें।