मुख्यपृष्ठस्तंभसमाज के सिपाही : बुजुर्गों और लाचारों की कर रहे हैं सेवा

समाज के सिपाही : बुजुर्गों और लाचारों की कर रहे हैं सेवा

अमर झा

ऊंची शिक्षा प्राप्त करने और सेटल हो जाने के बाद कई लोग कुछ अलग करने की इच्छा से कुछ ऐसा काम करते हैं, जिससे उन्हें सुकून मिलता है। ऐसे लोगों में से एक भायंदर (प.) निवासी डॉक्टर दंपति डॉ. राजीव अग्रवाल (बाल रोग विशेषज्ञ) व उनकी पत्नी डॉ. राखी अग्रवाल (सर्जन), जो मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के बाद अपना खुद का कस्तूरी मेडीकेयर अस्पताल, गांव देवी रोड, नवरंग होटल, भायंदर (प.) में चला रहे हैं। अच्छी प्रैक्टिस होने के बाद भी दोनों के मन में अस्पताल में सेवा देने के साथ-साथ कुछ अलग करने का विचार हमेशा आता रहता है। बुजुर्गों की स्वास्थ्य समस्याओं को देखते हुए उन्होंने २०१४ में ‘कस्तूरी केयर फॉर सीनियर्स’ की स्थापना की। इस बारे में दंपति का कहना है कि वृद्ध और लाचार लोगों की शारीरिक परेशानी को देखते हुए हमने कस्तूरी केयर्स फॉर सीनियर्स की स्थापना की। इसके लिए तुरंत जगह नहीं उपलब्ध होने के कारण हमने विचार किया कि हम कस्तूरी अस्पताल के एक हिस्से में यह सुविधा शुरू कर सकते हैं। २०१४ में शुरू किए जाने के बाद से हजारों लोग इसका लाभ ले रहे हैं। डॉ. दंपति ने बताया कि आजकल की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में बुजुर्ग व लाचार उपेक्षा के शिकार हो रहे हैं। मेट्रोपोलिटन सिटी में लोगों के पास इतना वक्त नहीं है कि काम से वापस लौटने के बाद बुजुर्गों की सेवा कर सकें या बुजुर्गों को इलाज के लिए बार-बार अस्पताल ले जा सकें। हमने देखा कि कुछ बीमार बुजुर्गों का अस्पताल आना भी कठिन था। ज्यादातर वृद्धों को डॉक्टर और इलाज की आवश्यकता होती है। हमें लगा कि वृद्ध और लाचार व्यक्तियों की सेवा का ये सबसे अच्छा मौका है। अत: सेवाभाव के हिसाब से हम नॉर्मल चार्ज लेकर लाचार और जरूरतमंदों को यहां रहने, खाने और इलाज करवाने की सुविधा देते हैं। डॉ. अग्रवाल बताते हैं कि हमने चार वैâटेगरी बनाई है, जिसमें इकोनॉमी, डबल शेयरिंग रूम, सिंगल रूम एवं एसी रूम की व्यवस्था है। महीने में एक निश्चित रकम में लोगों को चाय, नाश्ता, खाना, नहलाना, संबंधित बीमारी का इलाज, फिजियो थेरेपी आदि शामिल होता है। यहां हर वक्त डायटीशियन मौजूद रहते हैं, जो इनके खाने-पीने पर ध्यान देते हैं। चौबीस घंटे देखभाल के लिए वॉर्ड बॉय, सिस्टर और डॉक्टर उपलब्ध रहते हैं। आगे की योजना बताते हुए डॉ. अग्रवाल कहते हैं कि हमने भायंदर (प.) के राई गांव में जगह ली है, जहां १०० बेड का वृद्धाश्रम बनाऊंगा और कम चार्ज लेकर सेवा भाव से बुजुर्गों और लाचार लोगों को रखने की व्यवस्था करूंगा।

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