सगीर अंसारी
दिल में अगर लोगों की सेवा का जज्बा हो तो इंसान कुछ भी कर सकता है। जरूरी नहीं कि पैसे से ही लोगों की सेवा की जाए, इंसान अपनी मेहनत से भी लोगों की सेवा कर सकता है। स्लम क्षेत्र में सुविधाओं के अभाव में गरीब मरीजों के लिए अच्छा इलाज एक अहम समस्या है। लोगों की इस परेशानी को देखते हुए बिना किसी स्वार्थ के इलाज व मार्गदर्शन को अपना कर्तव्य समझनेवाले डॉ. एहतेशाम अहमद शेख, गोवंडी जैसे स्लम इलाके में जगन्नाथ हॉस्पिटल में बिना किसी स्वार्थ के लोगों के इलाज में अहम भूमिका निभा रहे हैं। डॉ. एहतेशाम अहमद शेख का जन्म आजमगढ़ में चांदपार गांव में हुआ। पिता मोहम्मद पैâज शिक्षक थे और घर के हालात कुछ ठीक नहीं थे। गांव के मदरसे इस्लाहुल मुस्लिमीन से प्राइमरी तक शिक्षा प्राप्त करने के बाद एहतेशाम अहमद शेख ने गांव से छह किलोमीटर दूर स्थित मौलाना आजाद इंटर कॉलेज से हाई स्कूल की शिक्षा प्राप्त की। डॉक्टर बनने की ख्वाहिश दिल में संजोए एहतेशाम अहमद शेख अपने गांव से दूर लखनऊ आए और यहां से कंबाइंड प्री मेडिकल टेस्ट की तैयारी की और वर्ष १९९९ में टेस्ट को पास किया। टेस्ट में मिले नंबरों के आधार पर हरिद्वार के ऋषि कुल स्टेट आयुर्वेदिक पीजी मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल में उन्हें प्रवेश मिला और वहां से डॉक्टरी की शिक्षा प्राप्त की। २००५ में सना शेख से विवाह करनेवाले डॉ. एहतेशाम तीन बच्चों के पिता बने। वर्ष २००६ में एहतेशाम मुंबई घूमने आए और यहीं के होकर रह गए। बचपन से गरीबों की मदद का जज्बा रखनेवाले एहतेशाम अहमद शेख जब गोवंडी के स्लम इलाके में आए तो यहां रहनेवाले गरीब मरीजों की दुर्दशा को देख उन्होंने क्षेत्र में दवाखाना खोलकर गरीबों का इलाज करने का निश्चय किया। एक साल की मेहनत के बाद शिवाजी नगर के प्रमुख एसएन हॉस्पिटल से शुरुआत कर गरीबों का इलाज काफी कम पैसों में करते हुए उनका मार्गदर्शन किया। अपने साथी डॉक्टरों के साथ मिलकर गलीच बस्तियों में मेडिकल वैंâप लगानेवाले डॉ. एहतेशाम अहमद शेख ने नौजवानों को खेलकूद की ओर प्रोत्साहित किया। लोगों की सेवा के साथ-साथ अपने परिवार को न भूलनेवाले डॉ. एहतेशाम ने अपने बड़े भाई मो. सलमान शेख के लिए गांव में ही पोल्ट्री फॉर्म का व्यवसाय शुरू किया और छोटे भाई के लिए भी व्यवसाय की शुरुआत की। तीनों भाइयों ने मिलकर अपनी तीन बहनों का विवाह किया। डॉ. एहतेशाम का बड़ा बेटा हाजिम नीट की परीक्षा की तैयारी कर रहा है, जबकि दूसरा बेटा राहीम दसवीं कक्षा में है।