• विकास दुबे : गाड़ी पलट गई
• अतीक : पत्रकार के वेश में हत्यारे
• जीवा : वकील के वेश में हत्यारा
सामना संवाददाता / लखनऊ
यूपी में जिस तरह से माफियाओं के मर्डर हो रहे हैं, वे काफी हैरानी भरे हैं। नए-नए तरीकों का इस्तेमाल कर माफियाओं के कत्ल का सिलसिला जारी है। दो दिन पहले संजीव जीवा की कोर्ट परिसर में दिनदहाड़े हत्या कर दी गई। इसमें हत्यारे काले कोट में वकील के वेश में आए थे। इसके पहले अतीक व अशरफ की हत्याएं हो चुकी हैं। उधर जेल में बंद मुख्तार अंसारी बार-बार अपनी हत्या की आशंका जता रहा है। ऐसे में साफ है कि कोई है जो इन हत्याओं की स्क्रिप्ट लिख रहा है।
इस कड़ी में सबसे पहले कानपुर का गैंगस्टर विकास दुबे पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था। यूपी पुलिस के अनुसार, एमपी से लाते वक्त रास्ते में जीप पलट गई और वह भागने लगा तब पुलिस ने उसका एनकांउटर कर दिया। जब अतीक अहमद को गुजरात से यूपी लाया गया तो मीडिया में इसी तर्ज पर बार-बार अतीक की गाड़ी पलटने का अंदेशा जताया जा रहा था। उसकी गाड़ी तो नहीं पलटी, पर जब अस्पताल में हेल्थ चेकअप कराने पुलिस की सुरक्षा में वो पहुंचा तो वहां मीडिया के सामने पत्रकारों के वेश में तीन शूटर्स ने करीब से उसे और उसके भाई को गोली मार दी। इस हत्याकांड से हर कोई सन्न रह गया। हत्यारों में पुलिस व कानून-व्यवस्था का कोई डर नहीं दिखा।
दोनों ही हत्याओं में विदेशी हथियार
बुधवार को तो हद हो गई। पिछली बार का घटनास्थल अस्पताल था, जबकि इस बार का अदालत परिसर। इस बार हत्यारा वकील के वेश में आया और पुलिस सुरक्षा के बीच उसने संजीव जीवा को मार गिराया। खास बात यह है कि इन दोनों ही हत्याओं में विदेशी हथियारों का प्रयोग हुआ। दोनों ही मामलों में शूटर्स का कोई बड़ा क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं था। इन्हें ऐसे हथियार चलाने का पुराना अनुभव भी नहीं था। यानी इन्हें हथियार मुहैया करवाकर बाकायदा ट्रेनिंग भी दी गई। पकड़े जाने के बाद भी ये हत्यारे बार-बार अपने बयान बदल रहे हैं।
पकड़े जाने का डर नहीं
जानकारों के अनुसार, सभी शूटर्स साधारण घरों के हैं और इतनी महंगी पिस्टल रखना उनके बूते की बात नहीं है। कोई है जो उन्हें ऐसे हथियार मुहैया करा रहा है। इन शूटर्स को अपने पकड़े जाने का कोई डर नहीं दिखा। यानी दाल में कुछ काला है। विपक्ष भी इन हत्याओं को लेकर राज्य सरकार को कटघरे में रख रहा है। सपा चीफ अखिलेश यादव तो सीधा सवाल उठा चुके हैं। मामले की जांच के लिए एसआईटी बन चुकी है। अब देखना है कि अगर ये मामला स्क्रिप्टेड है तो फिर इसका क्लाइमेक्स क्या मोड़ लेता है!