मंगलेश्वर त्रिपाठी / जौनपुर
लोकसभा चुनाव 2024 विपक्षी पार्टियों खासकर समाजवादी पार्टी के लिए अस्तित्व की लड़ाई है। इस चुनाव में सपा की साइकिल पंचर हुई तो कभी नहीं चल पाएगी। मौके की नजाकत को भांपते हुए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इस जंग में फूंक-फूंककर कदम रख रहे हैं। जिले की दोनों सीटों पर ऐसे प्रत्याशी की तलास कर रहे हैं, जो भाजपा के वोटों में सेंधमारी करके सपा को भारी बहुमत से जीत दिला सकें। अखिलेश यादव ने पार्टी के बरिष्ठ नेताओं से साफ कह दिया है कि इस चुनाव को हर हाल में जीतने के लिए यादव व मुसलमान को छोड़कर किसी अन्य विरादरी को चुनाव मैदान में उतारने का मन बना लिया है।
2012 में सूबे के मुख्यमंत्री बनने के बाद हर चुनाव में शिकस्त खा रहे अखिलेश यादव अब अपनी रणनीति में बदलाव करने को तैयार हो गए हैं। इस चुनाव में पार्टी को जिंदा रखने के लिए प्रदेश की अधिक से अधिक सीट जीतने के लिए हर तरह से समझौता करने के लिए मन बना लिया है। सपा के अंदर खाने से मिल रही खबरों के अनुसार, वे अपने राजनीतिक दुश्मनों से हाथ मिलाने के लिए तैयार हो गए हैं। पांच दिन पूर्व अखिलेश यादव ने जिले के मल्हनी सीट से विधायक लकी यादव, मुंगराबादशाहपुर के विधायक पंकज पटेल, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राजबहादुर यादव, पूर्व मंत्री शैलेंद्र यादव ललई और जिलाध्यक्ष राकेश मौर्या के साथ में लखनऊ में पार्टी कार्यालय पर गुप्तगू करने के लिए बुलाया था, जिसमें लकी यादव, ललई यादव और जिलाध्यक्ष ने खुद चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर किया था। सभी से राय-मशविरा करने के बाद सपा मुखिया ने कहा कि मैं इस चुनाव में ऐसे उम्मीद्वार को लड़ाने का मन बनाया है, जो भाजपा के वोटों में सेंधमारी करके जीत सके।