- महंगाई, बेरोजगारी, बैंक लुटेरे, कर्नाटक में ४० प्रतिशत कमीशन वाली भ्रष्ट सरकार पर बोलो
सामना संवाददाता / मुंबई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ के १००वें एपिसोड के कार्यक्रम को भाजपा सरकार ने पूरे देश में बड़ी धूमधाम से मनाया लेकिन इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने देश के ज्वलंत मुद्दों में से एक का भी जिक्र नहीं किया। प्रधानमंत्री ने महंगाई, बेरोजगारी, गिरती अर्थव्यवस्था, चीन का दबदबा, भाजपा सांसद द्वारा महिला पहलवानों का यौन-शोषण, कर्नाटक की ४० प्रतिशत कमीशन वाली भ्रष्ट सरकार, बैंक लुटेरे, किसानों और मजदूरों पर कोई बात नहीं की। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले ने तीखा हमला करते हुए कहा है कि लोकतंत्र में ‘मन की बात’ नहीं, बल्कि ‘जनता की बात’ करनी होती है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि देश की जनता महंगाई से त्रस्त है। देश की अर्थव्यवस्था रसातल में पहुंच गई है। सीमा पर चीन ने भारत के खिलाफ कार्रवाई बढ़ा दी है। लेकिन पीएम मोदी के पास इन मुद्दों पर बोलने की हिम्मत नहीं है। मोदी के दोस्त आम लोगों के बैंकों से करोड़ों रुपए लेकर देश से भाग गए लेकिन इस पर प्रधानमंत्री ने चुप्पी साध ली है। कर्नाटक में ४० फीसदी कमीशन की सरकार है। मुख्यमंत्री पद की नीलामी होती है लेकिन मोदी ‘मौनी बाबा’ की तरह खामोश हैं। मोदी की ‘मन की बात’ सिर्फ कांग्रेस को कोसने और खुद की तारीफ करने से आगे नहीं बढ़ती है। देशभर के भाजपा के मंत्रियों, संतरियों और पदाधिकारियों को मोदी के इस आत्मप्रशंसा कार्यक्रम को न चाहते हुए और जबरदस्ती सुनना पड़ रहा है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने उद्योगपति मित्र अडानी को देश में सभी महत्वपूर्ण बिजनेस प्रोजेक्ट दे दिए हैं। मोदी ने देश की जनता के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और एलआईसी में पड़े करोड़ों रुपए भी अडानी की कंपनियों में डाल दिए हैं। अडानी की कंपनियों में २० हजार करोड़ रुपए का बेनामी निवेश है, लेकिन मोदी जी इन मुद्दों पर ‘मन की बात’ नहीं करना चाहते। हमारा सीधा सवाल है कि ‘प्रधानमंत्री को इधर-उधर की बात न करते हुए, यह बताना चाहिए कि अडानी से आपका क्या रिश्ता है? इस तरह का सुलगता सवाल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने किया है।