होली आई
राधा मुस्काई
होली आई-होली आई
कृष्ण ने बांसुरी बजाई राधा भी मुस्काई
राधा ने श्याम के संग होली मनाई
गोपियों ने भी अपनी चोली चुनरी रंगाई
ब्रज में खुशियां भर लाई
सबने होलिका जलाई।
दुष्कर्म को हराया सुकर्म को जिताया
बच्चों के मन में उमंगें जगाई
रंग-बिरंगे रंग लाई
मस्ती में सब खेल रहें हैं
फागुन के इस मेले में मस्तानों ने भंग चढ़ाई
किसी का चेहरा लाल है
सफेद कपड़ों पर गुलाल है
कोई रंगों के बरसने से मालामाल है
किसी की पिचकारी भरी हुई है
किसी का दामन भीगा हुआ है
कोई लाल,पीले, नीले गुब्बारे लिए खड़ा है
इसके-उसके पीछे पड़ा है।
दुश्मन को भी दोस्त बना देती है
मन मुटाव दूर करती है
सब मिलकर खेलते हैं खुशियों भरी होली
जीवन में सात रंग भर देती है ये रंगीन होली
-अन्नपूर्णा कौल, नोएडा
होली आई होली!
लाल, पीला, हरा, गुलाबी
चेहरे पर किन रंगों की मेली
मौसम की बहार ने बदली करवट
रंगों ने मौसम में मिश्री सी घोली
होली आई होली।
बारिश होने से लग रही है
जैसे रंगों की बोली
तरंग धरा पर यू ऐसे खेली
मानो रंगों से भीगी हो चोली
होली आई होली।
गले मिल रहे है जबसे
रंग चढ़ रहे हो नस-नस में
भीगे आंगन में जैसे
बरस रही हो रंगों की गोली
होली आई होली।
दोस्त-दुश्मन सब एक हुए
मिल रही हो उनको जैसे शैली
नए वर्ष का आगाज लेकर
आई हो जैसे होली
होली आई होली।
बड़ा ये शुभ दिन आया है
रंगों ने अपना जाल फैलाया
दिल में भरकर उमंग सभी ने
दुश्मनों को भी गले लगाया है।
चारों तरफ है खुशियां फैली
मानो किसी ने मुरली बजाया है
फिर लगता है कान्हा ने वृंदावन में
राधा को अपना रंग लगाया है।
उत्सव ये बड़ा प्यारा
सबको इसने अपना बनाया
नाराजगी को भी खिलखिला दे
होली की गजब सी माया है।
होता रंग इसमें प्रेम का
मिन्नत अपनापन उल्लास का
जो भी रंग होली के रंगों में
भरता अपना पल विलाप का।
अनुभव ये नए अक्सर
हमें प्रदान कर जाता है
कौन है राजा कौन है रंक
रंगों में समझ किसी को आता है।
बच्चों में उमंग जगाए
युवाओं में प्रेम संदेश लाए
उसमें जीने का विश्वास जगाए
मानव को अक्सर इसने
मानवता सिखलाया है
भाईचारे का सही अर्थ है क्या
हमे हर बार बतलाया है।
-संतोष शर्मा, भिवंडी
साजन होली आई है!
सुख से हंसना जीभर गाना
मस्ती से मन को बहलाना
पर्व हो गया आज
साजन होली आई है
हंसाने हमको आई है
साजन होली आई है!
इसी बहाने क्षणभर गा लें
दुखमय जीवन को बहला लें
ले मस्ती की आग-
साजन होली आई है
जलाने जग को आई है
साजन होली आई है!
रंग उड़ाती मधु बरसाती
कण-कण में यौवन बिखराती
ऋतु वसंत का राज
लेकर होली आई है
जिलाने हमको आई है
साजन होली आई है!
खूनी और बर्बर लड़कर
मरकर नर शोणित का सागर
पा न सका है आज
सुधा वह हमने पाई है!
साजन! होली आई है
साजन होली आई है!
यौवन की जय!
जीवन की लय!
गूंज रहा है मोहक मधुमय
उड़ते रंग-गुलाल
मस्ती जग में छाई है
साजन होली आई है!
-श्रद्धा कुमारी, कल्याण
रंगों की बौछार
बसंत की शोभा बढ़ाने
देखो बच्चों होली आई
रंगों की बौछार के संग
खुशियों के दिन है लाई
होली आई होली आई।
सर्दी में जो ठिठुर रहे थे
खेल रहे हैं पानी में
ठंड को दूर भागने
रूठे अपनों को मानने
होली आई होली आई।
दौड़ रहे हैं भाग रहे हैं
सबको एक ही रंग रहे हैं
रंगों की बहार लिए
होली आई होली आई।
-अंकुर कुमार
अपनों को प्यार!
उसने कहा मैं अपनों को प्यार जगाता नहीं मैं मान गई
उसने कहा मैं अपनों को इश्क दिखाता नहीं मैं मान गई
उसने कहा मेरे दिल में हमेशा होते हैं मैं मान गई
उसने कहा कि मैं फिक्र करता हूं मैं मान गई
उसने कहा तुम कीमती हो मैं मान गई
उसने कहा तुमसे बेइंतेहां प्यार है मैं मान गई
उसने कहा तुम प्यारे नहीं हो मैं मान गई
इन सब में मेरी खुशी कहां थी ये मैं जान गई!
इसी तरह से खुश रहूं खुद को उसी में ढल गई
उसको कुछ न कहूं अब ये भी खुद में मान गई
चलो जाने दो मैं खुद ही खुद में मान गई!
-रूबी कुमारी, मुंबई
सवाल करती जा!
ऐ मुंह मोड़ के जाने वाली जाते में मुस्काती जा
मन नगरी की उजड़ी गलियां सूने धाम बसाती जा
दीवानों का रूप न धरे या धारे बतलाती जा
मारे हमें या ईंट न मारे लोगों से फरमाती जा
और बहुत से रिश्ते तेरे और बहुत से तेरे नाम
आज तो एक हमारे रिश्ते महबूबा कहलाती जा
पूरे चांद की रात वो सागर जिस ओर न छोर
या हम आज डुबो दें तुझको या तू हमें बचाती जा
हम लोगों की आंखें पलकें राहों में कुछ और नहीं
शरमाती घबराती गोरी इतराती इठलाती जा
दिलवालों की दूर पहुंच है जाहिर की औकात न देख
एक नजर में देखकर लाख सवाल करती जा
और तो फैज नहीं कुछ तुझसे ऐ बेमिसाल
इंशाजी से नजमें गजले गीत लिखवाती जा।
-अमित त्रिपाठी, मुंबई
रंग की पुड़िया
काशी भीगा मथुरा भीगा भीग गया जग सारा
फागुन की फगुनाहट में लगता है हर कोई प्यारा
रंग की पुड़िया खोल-खोल के खेले हैं सब होली
रंग न कोई रिश्ता जाने रंग दे दामन-चोली
तो आओ खेलो जी होली तो आओ खेलो जी होली।
भैया भीगे भाभी भीगे भीगे लोग लुगाई
जीजा के डर से देखो साली ओढ़े है रजाई
बोल कोई बोले तो लगे जैसे हो मीठी बोली
तो आओ खेलो जी होली तो आओ खेलो जी होली।
हर धर्म, हर उम्र को होली बना देती हमजोली
दोस्त और दुश्मन थाम के दामन बना के चलते टोली
रंग भी ऐसे चला हो जैसे चली हो प्यारी गोली
तो आओ खेलो जी होली तो आओ खेलो जी होली।
चांद भी भीगा सूरज भी भीगा भीगा हर एक नजारा
हर चप्पा हर जर्रा देखो लगता है बड़ा प्यारा
कंधे पर ले चला है सब देखो रंगों की डोली
तो आओ खेलो जी होली तो आओ खेलो जी होली।
रंग की पुड़िया खोल-खोल के खेले हैं सब होली
रंग न कोई रिश्ता जाने रंग दे दामन-चोली
तो आओ खेलो जी होली तो आओ खेलो जी होली
गंगा, यमुना, सरस्वती, कावेरी लेती वैâसी अंगड़ाई
हवा भी ऐसे बहती है जैसे बजती शहनाई
सबने अपनी बातों को खुलकर बोलते हैं बोली
तो आओ खेलो जी होली तो आओ खेलो जी होली।
रंग की पुड़िया खोल-खोल के खेले ह सब होली
रंग न कोई रिश्ता जाने रंग दे दामन-चोली
तो आओ खेलो जी होली तो आओ खेलो जी होली
-संजीव कुमार पांडेय, नालंदा
खुशियों की बौछार!
रंगों का त्योहार है होली
खुशियों की बौछार है होली।
लाल, गुलाबी, पीले देखो
रंग सभी रंगीले देखो।
पिचकारी भर-भर लाते
इक दूजे पर सभी चलाते।
होली पर अब ऐसा हाल
हर-हर चेहरे पर आज गुलाल।
आओ यारों इसी बहाने
दुश्मन को भी चले मनाने।
होली के रंग
मुकुंद रंग रंगा निकुंज
प्रेम रंग रंगी राधा
भक्ति रंग मीरा निकुंज
बंधु-रंग श्याम सखा साधा।
रंग तू भी निज जीवन
रहे न कुछ अधूरा आधा
में रंग तेरे रंग जाऊ
तू रंग-रंग मेरे भेद भुला जाऊ।
-कौशल सिंह, मुंबई
गली-गली पुलकित
गली-गली पुलकित हुई घर-घर में मुस्कान
लगे विहंसने फागुन में हम सबके मन प्राण
नयन हीय मन में भरे अनुपम फागुन रंग
गहरे रूहों में बजे मानो मधुर मृदंग
कन्हाई के इर्द-गिर्द रंगो का संसार
आंख मूंद के राधिका करती सोच-विचार
गहरे में जा बैठ के खुद में कर विश्राम
कच्चे जग के रंग तज रंग तू पक्के थाम
रंग रेज कोई मिले खोज रहे आलोक
लग जाए वो रंग जो हर लें हर एक शोक
आलोक कुमार, गाजियाबाद
सबको याद दिलाओ प्यारे
घर-घर का त्योहार है होली
रंगों का त्योहार है होली
रंगों का खजाना है होली
मिलकर मारो सारे पिचकारी।
-अमन कुमार यादव, आजमगढ़
मारो सब मिलकर पिचकारी
रंगों का त्योहार होली
मारो सब मिलकर पिचकारी
लाल-गुलाल सबको रंगाए
सबका मन प्रफुल्लित हो जाए
बच्चे खेल खूब रंगों से
मारो पिचकारी दूर से।
रंग बिरंगी होली ये
देखो वैâसे खेले सब
कोई दूर भागता है
दूसरा पकड़कर लाता है
हंसी-मजाक का त्योहार ये
रंगों से सजी ये होली
हर गिले-सिकवे मिटाता है
जीवन में रंग भरता है।
खूब लाल-पीले हो जाओ सारे
कुछ देर ही सही हर गम भुलाओ सारे
रंगों की शक्ति की पहचान
सबको याद दिलाओ प्यारे
घर-घर का त्योहार है होली
रंगों का त्योहार है होली
रंगों का खजाना है होली
मिलकर मारो सारे पिचकारी।
-अमन कुमार यादव, आजमगढ़