मुख्यपृष्ठसमाज-संस्कृतिसाइबर क्राइम अलर्ट पर विशेष सेमिनार

साइबर क्राइम अलर्ट पर विशेष सेमिनार

एचएसएनसी यूनिवर्सिटी, मुंबई का आयोजन
आईएमसी चैंबर ऑफ कॉमर्स की लेडीज विंग का रहा सहयोग
मुंबई। एचएसएनसी यूनिवर्सिटी, मुंबई के तत्वावधान में आईएमसी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की लेडीज विंग की ‘आमची मुंबई सेफ मुंबई’ समिति के सहयोग से ‘साइबर क्राइम अलर्ट’ पर एक विशेष सेमिनार का आयोजन किया गया। जागरूकता परक इस कार्यक्रम में एचएसएनसी विश्वविद्यालय, मुंबई के शैक्षणिक एवं गैर-शैक्षणिक कर्मचारी एवं विद्यार्थियों ने भाग लिया। इस सेमिनार में सम्मानित अतिथि के रूप में संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) सत्यनारायण चौधरी शामिल हुए। इस दौरान आईएमसी लेडीज विंग की अध्यक्ष ज्योति दोषी, आमची मुंबई, सुरक्षित मुंबई समिति की अध्यक्ष भारती गांधी, सह-अध्यक्ष रीना रूपानी, विश्वविद्यालय के डीन, निदेशक एवं संबद्ध महाविद्यालयों के प्राचार्य उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन और गणमान्य व्यक्तियों के अभिनंदन के साथ हुई।

संगोष्ठी को संबोधित करते हुए एचएसएनसी विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. हेमलता बागला ने लगातार विकसित हो रहे प्रौद्योगिकी परिदृश्य के अनुकूल परिवर्तनकारी दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर दिया। यूनेस्को की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए, उन्होंने कहा कि “62% डिजिटल उपयोगकर्ता साइबर-थ्रेट से अनजान हैं, जो अकादमिक क्षेत्र से परे नियमों और दिशानिर्देशों की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करता है।” डॉ. बागला ने जोर देकर कहा कि डिजिटल सुरक्षा एक साझा जिम्मेदारी है। उन्होंने एक सुरक्षित डिजिटल वातावरण बनाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों से ठोस प्रयास का आह्वान किया। डॉ. बागला ने कहा, “पुलिस और सरकारी संगठनों, गैर सरकारी संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों और अभिभावकों को एक सुरक्षित डिजिटल वातावरण बनाने के लिए हाथ मिलाना चाहिए। हमारे सामूहिक प्रयास हमारे युवाओं को डिजिटल दुनिया में सुरक्षित रूप से नेविगेट करने के लिए ज्ञान और उपकरणों से लैस कर सकते हैं। एक साथ मिलकर, हम एक सुरक्षित और समावेशी डिजिटल भविष्य का निर्माण कर सकते हैं, अपने युवाओं को डिजिटल दुनिया में सुरक्षित रूप से नेविगेट करने के लिए ज्ञान और लचीलेपन के साथ सशक्त बना सकते हैं।”

इसी क्रम में संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) सत्यनारायण चौधरी ने कहा कि “पिछले चार वर्षों में साइबर अपराध में जबरदस्त वृद्धि हुई है। अगर कोई साइबर क्राइम का शिकार है तो उन्हें तुरंत 1930 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करना चाहिए। साइबर फ्रॉड में ‘गोल्डन ऑवर पीरियड’ बेहद अहम होता है। आपको किसी भी नुकसान की सूचना तीन घंटे के भीतर 1930 पर या साइबर अपराध वेबसाइट पर देनी चाहिए। मुंबई पुलिस ने 2024 के पहले छह महीनों में 44 करोड़ रुपये बरामद किए हैं। एहतियाती उपायों के बारे में जानकारी देते हुए, श्री चौधरी ने साझा किया, “अपना ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) किसी के साथ साझा न करें। किसी के द्वारा आपको दिए गए किसी भी लिंक पर भरोसा न करें, हमेशा जांचें कि गतिविधि वैध है या अवैध। अज्ञात कॉल करने वालों के वीडियो कॉल का उत्तर न दें।” बाद में, साइबर अपराध टीम में वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सुवर्णा शिंदे; मुंबई पुलिस के साइबर अपराध सेल के पुलिस उप-निरीक्षक पूनम जाधव और हेड कांस्टेबल राजेश खुशालानी ने साइबर अपराध से संबंधित मुद्दों पर प्रकाश डाला और प्रत्येक पर विशिष्ट उदाहरण दिए।

बता दें कि दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने ‘चक्षु’ नाम से एक ऐप विकसित किया है। कोई भी नागरिक संदिग्ध साइबर अपराधियों, उनके विवरण आदि की रिपोर्ट वहां कर सकता है और डीओटी, सत्यापन के बाद, साइबर अपराधियों द्वारा उपयोग किए गए स्रोतों को निष्क्रिय कर सकता है।

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