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सेहत का तड़का : मेडिटेशन मैजिक! … साधना से दूर करें विचारों का प्रदूषण -तनुश्री दत्ता

एस.पी. यादव

मॉडल व अभिनेत्री तनुश्री दत्ता का जन्म १९ मार्च, १९८४ को झारखंड के जमशेदपुर शहर में एक बंगाली परिवार में हुआ। २००३ में ‘मिस इंडिया’ का खिताब अपने नाम करनेवाली तनुश्री दत्ता कभी बॉलीवुड में ‘मी टू’ की परतें खोलकर सुर्खियों में छाई थीं लेकिन आज वे ‘मी’ यानी स्वंय से गहरे साक्षात्कार के लिए जानी जाती हैं। योग और ध्यान के अथाह सागर में डुबकियां लगा रहींr तनुश्री ने १८ महीने में १८ किलो वजन घटाकर सबका ध्यान खींचा है। तनुश्री का मानना है कि समग्र फिटनेस पाने के लिए मेडिटेशन के सहारे माइंड पॉल्यूशन को दूर करना जरूरी है।

जमशेदपुर के डीबीएमएस इंग्लिश स्कूल से पढ़ाई करने के बाद मॉडलिंग के फेर में तनुश्री ने अपनी बीकॉम की पढ़ाई अधूरी छोड़ दी। २००५ में फिल्म ‘आशिक बनाया आपने’ से बॉलीवुड में कदम रखनेवाली तनुश्री दत्ता ने ‘चॉकलेट’, ‘भागमभाग’, ‘ढोल’, ‘रिस्क’, ‘अपार्टमेंट’ जैसी कई फिल्मों में काम किया। २०१० के बाद वे अचानक बॉलीवुड से दूर होती चली गर्इं। २०१८ के बाद काफी समय अमेरिका में रहने के बाद भारत लौटीं तनुश्री ने २०२० में बॉलीवुड में अपने कमबैक की घोषणा की और डेढ़ साल के भीतर ही पहले जैसी स्वस्थ-छरहरी काया हासिल कर ‘बॉडी शेमिंग’ से मुक्त होकर सबको अचंभित कर दिया है।
ध्यान से साधा तन-मन
डिप्रेशन से उबरने के लिए बुद्ध के पथ पर चलते हुए कभी लद्दाख में अपना सिर मुंडवा कर सुर्खियों में छाई तनुश्री ने २०१९ में जब उज्जैन के एक मंदिर में एक दिवसीय उपवास किया, तो उन्हें जीने की नई राह मिल गई। बकौल तनुश्री, `आध्यात्म और भौतिकता भिन्न नहीं है, बल्कि माया का हिस्सा हैं। साधना के जरिए यदि हम अपने जीवन से विचारों व आसक्तियों का प्रदूषण दूर कर दें तो चेतना का नया स्वस्थ-समृद्ध संसार हमारा स्वागत करता है।’
योग और व्यायाम का संतुलन
तनुश्री दत्ता सप्ताह में तीन-चार दिन योग अभ्यास करती हैं। इस दौरान वे शाकाहार को प्राथमिकता देती हैं। दो-तीन दिन वे जिम में वेट ट्रेनिंग, पिलेट्स, डांसिंग आदि करती हैं, तब जरूरी प्रोटीन की खुराक के लिए अंडे और चिकन का सेवन कर लेती हैं। तनुश्री का मानना है कि ध्यान की गहराइयों में उतरने पर यदि व्यक्ति नियमित योग न करे, तो उसके विचलित होने का खतरा बना रहता है। समग्र फिटनेस पाने के लिए नियमित योग-अभ्यास अनिवार्य है।
बनाएं अपना फिटनेस प्लान
तनुश्री का कहना है कि हर व्यक्ति को अपनी शारीरिक और मानसिक क्षमता के अनुसार अपना फिटनेस प्लान बनाना चाहिए। तनुश्री सुबह सबसे पहले गर्म पानी के साथ नींबू और शहद लेती हैं। कभी कभार इसमें एक चुटकी हल्दी, दालचीनी, सेब का सिरका या काली मिर्च मिला लेती हैं। वे भारी-भरकम नाश्ता करने के बजाय खाली पेट योग और कसरत करती हैं। उनका मानना है कि इससे ज्यादा कैलोरी बर्न होती है।

हरी सब्जियों से लगाव
तनुश्री दोपहर १२ बजे के करीब भोजन करती हैं। रात का भोजन ८:३० बजे तक कर लेती हैं। कार्बोहाइड्रेट्स की खुराक संतुलित करने के लिए वे चावल और रोटी की जगह बाजरे का सेवन करती हैं। हरी सब्जियां, सलाद, नारियल पानी, ताजे फल को प्राथमिकता देती हैं। तनुश्री को ढोकर-दालना, मछली-करी, ब्रोकोली की सब्जी पसंद है।

ढोकर दालना की रेसिपी
सामग्री: एक कप चना दाल, छोटे चौकोर आकार में कटे एक-दो आलू, तेज पत्ता, हींग, जीरा और जीरा पाउडर, अदरक पेस्ट, लाल मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर, राई का तेल और स्वादानुसार नमक।
विधि: रात भर भिगोकर रखने के बाद चना दाल को दरदरा पीसकर गाढ़ा पेस्ट बना लें। इसमें जीरा, अदरक, लाल मिर्च पावडर या इनके पेस्ट और नमक डालकर गर्म तेल में १० मिनट तक  फ्राई करें। एक प्लेट पर जरा-सा तेल लगाकर इस पेस्ट को उस पर फैला दें। इसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। कड़क हो जाने के बाद इन टुकड़ों को आलू के साथ अच्छी तरह मिलाकर सुनहरा भूरा होने तक  फ्राई करें। अब कड़ाही में तेल गर्म कर इस सारे मिश्रण को जीरा, हींग, तेजपत्ता, लाल मिर्च पाउडर और थोड़ा पानी डालकर कुछ देर तक पकाएं।
फायदे: ढोकर दालना में पर्याप्त प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन, आयरन और फाइबर होता है। इसकी एक खुराक से लगभग ४०६ वैâलोरी मिलती है। इसमें मौजूद अमीनो एसिड शरीर की कोशिकाओं को मजबूत बनाता है। यह खून की कमी को दूर करने और पाचन को बेहतर करने में मददगार है।

(लेखक स्वास्थ्य विषयों के जानकार, वरिष्ठ पत्रकार व अनुवादक हैं। ‘स्वास्थ्य सुख’ मासिक के संपादक रह चुके हैं।)

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