एस. पी. यादव
हिंदी धारावाहिकों और साउथ की फिल्मों की लोकप्रिय अभिनेत्री एरिका फर्नांडीस का जन्म ७ मई, १९९३ को मुंबई में एक कोंकणी मैंग्लोरियन ईसाई परिवार में हुआ। सोशल मीडिया पर बेहद सक्रिय एरिका अपनी फिटनेस के लिए जानी जाती हैं। एरिका का कहना है कि फिट रहने के लिए जिम जाना जरूरी नहीं है, आप कहीं भी कसरत कर सकते हैं। एरिका अपनी फिटनेस का श्रेय कैलिस्थेनिक्स एक्सरसाइज और एरियल योग-अभ्यास को देती हैं।
कुर्ला के हॉली क्रॉस हाईस्कूल से एसएससी करने के बाद एरिका फर्नांडीस ने सायन स्थित एसआईईएस कॉलेज से बारहवीं की शिक्षा पूरी की और बीए करने के लिए बांद्रा के सेंट एंड्रयूज कॉलेज में दाखिला लिया। एरिका बचपन से ही मॉडल बनने का ख्वाब देखती थीं। २०१० में पेंटालून फेमिना मिस महाराष्ट्र का खिताब मिलते ही उन्होंने मॉडलिंग में करियर बनाने का पक्का निश्चय कर लिया और बीए की शिक्षा को बीच में ही बाय-बाय कह दिया। २०१४ में एरिका ने कन्नड़ फिल्मों के सुपरस्टार पुनीत राजकुमार के साथ ‘निन्नीदले’ फिल्म में काम किया। २०१६ में धारावाहिक ‘कुछ रंग प्यार के’ से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में काम शुरू किया। २०१८ में ‘कसौटी जिंदगी की’ धारावाहिक ने उन्हें स्थापित कर दिया। एरिका ने ‘बबलू हैप्पी है’ और ‘द हॉन्टिंग’ जैसी हिंदी फिल्मों में भी काम किया है। इन दिनों वे वेब सीरीज और म्यूजिक वीडियो में व्यस्त हैं।
स्ट्रेंथ और वेट ट्रेनिंग पर जोर
एरिका फर्नांडीस नियमित जिम जाती हैं, जहां वे ज्यादातर स्ट्रेंथ और वेट ट्रेनिंग करती हैं। पिलेट्स, जंप, स्क्वाट्स, पुश-अप्स, पुल-अप्स करने के साथ-साथ वे वैâलिस्थेनिक्स एक्सरसाइज भी करती हैं, जिसमें शरीर के भार का इस्तेमाल कर मांसपेशियों को मजबूत बनाया जाता है। इस एक्सरसाइज को करने के लिए वे अक्सर हाथों के बल सीढ़ियां चढ़ती-उतरती हैं। शरीर की स्वाभाविक लचक बरकरार रखने के लिए वे नियमित एरियल योग करती हैं। उनका मानना है कि एरियल योग से रीढ़ की हड्डियों में कभी अकड़ नहीं पैदा होने पाती और रक्त-संचार बेहतर होता है। उन्हें रेजिस्टेंस बैंड (मोटे इलास्टिक बैंड के सहारे एक्सरसाइज) भी पसंद है।
कैलिस्थेनिक्स कहीं भी, कभी भी
एरिका का कहना है कि मांसपेशियों को मजबूत करने और आपके समन्वय, सहनशक्ति और गतिशीलता में सुधार करने के लिए कैलिस्थेनिक्स एक बेहतरीन वर्कआउट है। इसमें जिम उपकरणों के बजाय बॉडीवेट का इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए चाहे घर हो, जिम हो या फिर कोई पार्क, आप कैलिस्थेनिक्स के सहारे अपनी कैलोरी को बर्न कर सकते हैं। एरिका फर्नांडीस प्राचीन ग्रीस के स्पार्टन योद्धाओं की खोज कैलिस्थेनिक्स कसरत की हैंडस्टैंड (हाथों के बल खड़ा होना), मसलअप (पुल-अप्स की तरह हाथ के सहारे शरीर को ऊपर उठाना), फ्रंट लीवर व बैक लीवर (शरीर को हवा में लटकाना), ह्यूमन फ्लैग जैसी विधियों का नियमित अभ्यास करती हैं।
संतुलित डाइट जरूरी
एरिका कसरत की तरह डाइट का भी खास खयाल रखती हैं। सुबह सबसे पहले ग्रीन टी पीती हैं। घर पर बना खाना पसंद करती हैं। दिन में ८-९ गिलास पानी पीती हैं। उनका मानना है कि दूध और चीनी शरीर के लिए ठीक नहीं है। इसकी बजाय वे लैक्टोज फ्री दूध या फिर वनस्पति दूध के इस्तेमाल को प्राथमिकता देती हैं। एरिका खाना बनाने की शौकीन हैं। आउटडोर शूटिंग होने पर यूनिट के साथियों को चिकन या मटन बिरयानी बनाकर खिलाती हैं। एरिका को आलू का वड़ा बनाना भी पसंद है। उन्हें श्रीलंकाई चिकनकरी, और काठियावाड़ी खिचड़ी विशेष रूप से पसंद है।
काठियावाड़ी खिचड़ी की रेसिपी
सामग्री: एक कटोरी चावल, एक कटोरी दाल, एक प्याज, एक टमाटर, एक आलू, आधा कटोरी मटर, एक चम्मच कद्दूकस किया अदरक, चार-पांच लहसुन की कलियां, एक चम्मच छोटे टुकड़ों में कटी हरे लहसुन की पत्तियां, एक बारीक कटी हरी मिर्च, तीन चम्मच बारीक कटा हरा धनिया, एक चम्मच जीरा, आधा चम्मच हल्दी, एक चम्मच लाल मिर्च पाउडर, आधा चम्मच गरम मसाला, चार चम्मच तेल और स्वादानुसार नमक।
विधि: सबसे पहले चावल और दाल को पानी से धो लें। इसके बाद प्याज, टमाटर और आलू को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। प्रेशर कुकर में भीगे हुए चावल और दाल डालें। इसके बाद कुकर में कटे हुए आलू, मटर, हल्दी और थोड़ा-सा नमक डालें। खिचड़ी को दाल-चावल से चार गुना पानी डालकर पकाएं। तीन-चार सीटी आने के बाद खिचड़ी तैयार हो जाएगी।
फायदे: कार्बोहाइड्रेट्स और प्रोटीन जैसे पर्याप्त पोषक तत्वों से भरपूर काठियावाड़ी खिचड़ी वजन को नियंत्रित करने, पाचन-तंत्र को स्वस्थ बनाने, शरीर को डिटॉक्स करने में मददगार है। यह वात-पित्त-कफ के साथ ही डायबिटीज से बचाव करती है।
(लेखक स्वास्थ्य विषयों के जानकार, वरिष्ठ पत्रकार व अनुवादक हैं। ‘स्वास्थ्य सुख’ मासिक के संपादक रह चुके हैं।)