अध्यात्म आत्मा में प्रवेश करने का मार्ग है।
अध्यात्म से दुख, राग-द्वेष, मोह जैसे विचारों से मुक्ति मिलती है।
अध्यात्म कहने-सुनने और पढ़ने का विषय नहीं है।
अध्यात्म आत्मा का साक्षात्कार करने का विषय है।
अध्यात्म से परमानंद की अनुभूति होने पर जीवन में संतुष्टि प्राप्त होती है।
अध्यात्म से ‘जीवन’ फूलों की तरह महकता है।
अध्यात्म से शैतान प्रवृत्ति का मनुष्य
सचमुच में दैवीय गुणों से सम्पन्न होकर
अन्य लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन जाता है।
अध्यात्म एक कला है
जो कि सांसारिक कलाओं से विलक्षण है।
अध्यात्म विद्या सच्चे सद्गुरु के सान्निध्य में
बहुत ही सरल और सहज हो जाती है।
अध्यात्म विद्या को प्राप्त करना पीएचडी से कम नहीं है।
-आर.डी.अग्रवाल “प्रेमी”
मुंबई