सामना संवाददाता / मुंबई
झोपड़पट्टी पुनर्वसन योजना अंतर्गत मुंबई और आस-पास के क्षेत्रों में १५० शुरू प्रकल्पों के करोड़ों रुपया किराया बिल्डर नहीं भर रहे हैं। साथ ही प्रोजेक्टों को भी अधर में लटका रखा है, जिसके चलते बेघर हुए निवासियों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। २०२२ सितंबर में इन बकाएदार बिल्डरों से एसआरए ने किराए की रकम वसूलने के लिए विशेष टीम का गठन किया था, जो पूरी तरह असफल साबित हुई है। गौरतलब है कि मुंबई के झोपड़ाधारकों को पक्का मकान दिलाने के लिए एसआरए योजना शुरू की गई थी। योजना के तहत बिल्डरों को अधिक एफएसआई देकर उन्हें सेल की इमारतें बनाने के आदेश दिए गए थे। जब तक इमारत नहीं बनती, तब तक बिल्डरों द्वारा निवासियोें को प्रति माह निर्धारित किराए की रकम या उनकी पर्याय व्यवस्था ट्रांजिट वैंâप में करने की जिम्मेदारी होती है, जबकि बिल्डरों ने नियम को पूरी तरह दरकिनार कर रखा है। बिल्डरों ने इसे कमाने का जरिया बना दिया। झोपड़ाधारकों की सोसायटी बनाकर कुछ दिन काम करना, बाद में किराए बंद कर प्रोजेक्ट किसी अन्य बिल्डर को बेचकर गायब होने की तमाम घटनाएं घटित हो चुकी हैं।
१५० प्रोजेक्ट का काम जारी
मुंबई में १५० प्रोजेक्ट में से कुछ प्रोजेक्ट्स के काम जारी हैं। शेष प्रोजेक्टों पर ग्रहण लग चुका है। पिछले वर्ष सितंबर में एसआरए ने इन १५० प्रोजेक्टों के बिल्डरों से किराया वसूली करने हेतु विशेष टीम का गठन किया था। पूर्व में बकाएदारों की रकम ७१४ करोड़ रुपए थी, जिसमें से १५० करोड़ रुपए की वसूली हुई। तत्पश्चात अधिकारी और बिल्डरों की साठ गांठ के कारण इस अभियान को ठंडे बस्ते में एसआर ने डाल दिया। हजारों निवासी आज भी किराए और अपने अधिकर के घर के इंतजार में बैठे हैं।
चार गुना बढ़ जाएगी रकम
कई बार एसआरए कार्यालय पर निवासियों ने धरना प्रदर्शन किया, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। पिछले वर्ष एसआरए ने नोटिस जारी कर बिल्डरों को काली सूची में डालकर प्रकल्प रद्द कर करने की धमकी दी थी, फिर भी बिल्डर नहीं सुधरे। यदि एसआरए बिल्डरों पर इसी प्रकार मेहरबान रही तो आगे निवासियों की किराए की रकम चार गुना अधिक बढ़ जाएगी।