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श्री-वास्तव उ-वाच: मौत के बाद देखा भविष्य

अमिताभ श्रीवास्तव

मौत के बाद देखा भविष्य

हास्यास्पद है ये, मगर सच है कि उसने अपनी मौत के बाद भविष्य देख लिया। आश्चर्य करेंगे आप, किंतु यदि डेली स्टार की एक खबर पढ़ेंगे तो पता चलेगा कि एलिजाबेथ क्रोहन नाम की अमेरिकन लेखिका का दावा है कि उनकी मौत महज २८ साल की उम्र में हो गई थी। उन्हें अपने मरने का एहसास भी हुआ था, लेकिन फिर से वो जिंदा हो गर्इं। अब वो दूसरों का भविष्य देखने का दावा करती हैं। एलिजाबेथ क्रोहन का दावा है कि ३५ साल पहले उनके साथ एक हादसा हुआ था। वो अपने बच्चों के साथ कहीं जा रही थीं, तभी अचानक तेज तूफान आ गया। उनके हाथ से अचानक छाता छूटा और तेज गड़गड़ाहट के साथ उस पर आसमान से बिजली गिर पड़ी। वो बताती हैं कि उन्हें थोड़ी देर बाद याद आया कि छाता कहां है और उन्हें वो वहीं पार्क में मिला। हालांकि, उनसे थोड़ी दूरी पर उनकी डेड बॉडी पड़ी हुई थी, जिसे देखकर उन्हें एहसास हुआ कि वो मर चुकी हैं। थोड़ी देर में ही उन्हें एक प्रकाश खूबसूरत से बगीचे में ले गया। वहां उन्हें उनके दादाजी मिले और इसी दौरान उन्हें फिर से धरती पर जाने के लिए पूछा गया। एलिजाबेथ को उनका भी भविष्य बताया गया कि उनके पति से उनका तलाक हो जाएगा। इसके बावजूद वो धरती पर आर्इं। चूंकि उनका पैर जल गया था, ऐसे में कई महीनों तक वो बिस्तर पर ही रहीं और भविष्य के बारे में ऐसी-ऐसी चीजें उनके सपने में दिखीं, वो सच निकलीं। यहां तक कि एक प्लेन व्रैâश की घटना के बारे में भी उन्होंने सपने में देख लिया था। एलिजाबेथ बताती हैं कि वो जितना इन सपनों के बारे में बात करती गर्इं, ये उतने ही कम होते चले गए।

भूतिया शादी

ये भूतिया शादी क्या है? क्या भूतिया शादी भी होती है? तो उत्तर है हां। वैसे भूत-प्रेत कोरी कल्पना है, किंतु कुछ ऐसे देश हैं इस धरती पर, जहां न केवल इस अंधविश्वास को मानते हैं, बल्कि शादी भी कराते हैं। है न दिलचस्प। जी हां, चीन में मृतकों की शादी कराने के रिवाज को घोस्ट वेडिंग कहा जाता है। पिछले ३,००० सालों से ये प्रथा चली आ रही है, जिसके तहत जो लोग कुंवारे मर गए, उनकी शादी कराई जाती है। इस परंपरा को मानने वालों का कहना है कि ऐसा करने से अविवाहित लोग मरने के बाद अकेले नहीं रहते हैं। हैरत की बात ये है कि मुर्दा लोगों की शादी जीवित लोग कराते हैं। साथ ही दहेज-गिफ्ट का भी लेन-देन होता है। वैसे शादी से पहले जिस तरह से हमारे यहां कुंडली का मिलान होता है, वैसे ही मुर्दों का भी मैच मेकिंग होता है। मरे हुए दुल्हा-दुल्हन के परिवार वाले मैच-मेकर के रूप में काम करने के लिए फेंग शुई मास्टर को रखते हैं। मृतकों की शादी जब तय हो जाती है, तब उनके परिजन मिलकर दान-दहेज की बात करते हैं। इसमें दूल्हे के परिवारवालों से दुल्हन की पैâमिली दहेज में पैसे की मांग करती है, जिसमें गहने, नौकर-चाकर और हवेली आदि शामिल होता है। हालांकि, ये सबकुछ सिर्फ कागजी श्रद्धांजलि के लिए होता है। असल में कुछ भी लेन-देन नहीं होता। अब चूूंकि दो मृतकों की शादी करा दी गई, ऐसे में उन्हें अलग-अलग कब्र से निकालकर एक कब्र में रख दिया जाता है। फिजी में भी ऐसी शादी का रिवाज रहा है।

ये हश मनी क्या है?

इन दिनों दुनिया में हश मनी की खूब चर्चा है, क्योंकि इसमें अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम है। जी हां, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति और राष्ट्रपति चुनावों में रिपब्लिकन पार्टी से प्रमुख दावेदार को जूरी ने हश मनी मामले में दोषी पाया है। जानते हैं, हश मनी क्या है और क्यों गंभीर है? डोनाल्ड ट्रंप के मामले में लगातार हश मनी शब्द का जिक्र हुआ है। क्या आप जानते हैं कि इस टर्म का इस्तेमाल क्यों होता है और अमेरिका में इसे क्यों दूसरे मामलों से ज्यादा गंभीर समझा जाता है? हश मनी ऐसी व्यवस्था के लिए एक शब्द है, जिसमें एक व्यक्ति या पार्टी दूसरे को एक आकर्षक राशि या अन्य प्रलोभन देती है, ताकि वो शख्स उसके उस शर्मनाक व्यवहार या हरकत पर चुप रहे। ये पैसा किसी असंतुष्ट विरोधी को शांत करने के लिए दिया जाने वाला पैसा हो सकता है, जो शर्मनाक जानकारी का खुलासा कर सकता है। इस तरह के मामलों में व्यक्ति मुकदमे से बचने के लिए बाहर चुपचाप ये पैसा देता है। अमेरिका में पैसों का रिकॉर्ड रखना गंभीर और कानूनी मामला है। खासकर, तब जबकि इसे आप कंपनी या अपने पैसों के रिकॉर्ड से दे तो रहे हों, लेकिन दिखा किसी और मद में रहे हों।

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