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श्रीवास्तव उवाच : जानी दुश्मन सेटेलाइट

अमिताभ श्रीवास्तव

क्या आप जानते हैं सेटेलाइट धरती के लिए जानी दुश्मन बनते जा रहे हैं? नहीं न। मगर यह सच है। आमतौर पर बेहतर इंटरनेट सुविधाओं, मौसम की जानकारी, क्लाइमेट चेंज और अन्य इंटरनेट आधारित तकनीकों के लिए स्पेस में सैटेलाइट लॉन्च की जाती है। यह सैटेलाइट धरती के चक्कर लगाते हैं और हमें जरूरी जानकारी मुहैया कराते हैं। अब वैज्ञानिकों ने चेताया है कि यही सैटेलाइट हमारे लिए ही खतरनाक साबित हो सकते हैं। फिलहाल, ८,००० सैटेलाइट हैं, जो धरती के चक्कर लगा रहे हैं, जो ग्रह की पूरी लंबाई-चौड़ाई को कवर करते हुए हमें जरूरी जानकारी मुहैया कराते हैं। अकेले स्पेसएक्स ने ही बेहतर इंटरनेट सुविधाओं के लिए छोटे स्तर के ३,००० से ज्यादा सैटेलाइट लॉन्च कर रखे हैं और आने वाले दिनों में और भी सैटेलाइट लॉन्च करने का प्लान हैं। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि आर्टिफिशियल लाइट्स और सैटेलाइट प्रकृति और सांस्कृतिक विरासत के लिए खतरनाक है। एस्ट्रोनॉमर्स ने भी सैटेलाइट की लगातार बढ़ती संख्या पर चेतावनी दी कि इससे कॉसमॉस की स्टडी कर पाने में मुश्किलें पैदा हुई है, जिससे एस्ट्रोनॉमी का प्रोफेशन खतरे में हैं।
तोते ने दिया सुराग
कभी-कभी पशु-पक्षी भी हत्यारा पकड़वा देते हैं। अब देखिए न एक तोते ने मरकर भी हत्यारे का सुराग दे दिया। आगरा के रहनेवाले विजय शर्मा बेटी और बेटे के साथ फिरोजाबाद शादी में शामिल होने के लिए गए हुए थे। इस दौरान घर पर पत्नी नीलम और पिता आनंद शर्मा थे। लौटने पर पत्नी नीलम की हत्या और लूट की जानकारी मिली। महिला की हत्या धारदार हथियार से की गई थी। पुलिस ने आरोपी आशु उर्फ आशुतोष गोस्वामी को पकड़ लिया। आशु का सुराग पालतू तोते से लगा था। पुलिस ने अपनी विवेचना में तोते का जिक्र किया है। महिला की हत्या के बाद तोता हीरा गुमसुम रहने लगा। हीरा महिला के साथ कई सालों से रह रहा था। पति विजय ने उससे कहा कि नीरू (नीलम) की हत्या तुम्हारे सामने हो गई और तुम खमोश रहे। वहीं, जिन लोगों पर उनको शक था तो उन लोगों का बारी-बारी से नाम लेने लगे। महिला के भांजे आशु का नाम जैसे ही विजय ने हीरा के सामने लिया तो वो जोर-जोर से चिल्लाने लगा। इसके बाद पति विजय शर्मा ने इसकी जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने जब आशु को गिरफ्तार कर सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। आरोपी ने अपने दोस्त के साथ इस हत्याकांड को अंजाम दिया था।
ब्रेकअप और तलाक
कराता है यह मंदिर
बड़ा अजीब है। हैरत होगी मगर यह सच है कि एक ऐसा मंदिर है, जो ब्रेकअप या तलाक कराता है। क्या आप ब्रेकअप चाहते हैं और हो नहीं पा रहा है या आपका तलाक का मुकदमा कोर्ट में फंसा हुआ है, लेकिन उसका समाधान नहीं हो पा रहा या अनचाहे रिश्तों में उलझ गए हैं, जिनसे छुटकारा पाना चाहते हैं? तो आपको इन सभी समस्याओं से बाहर निकालती हैं लखनऊ के छोटे काशी में स्थित बंदी मां! सुनने में थोड़ा अटपटा जरूर लगता है लेकिन यही यहां की मान्यता है। अगर आप यहां दर्शन करना चाहते हैं तो चौपटिया के कटरा पहुंच जाएं। चार धाम मंदिर के ठीक पीछे ही यह मंदिर है। यह मंदिर कटरा रानी के नाम से भी मशहूर है। ब्राह्मणों में एक जाति है बाजपेई, उनकी कुलदेवी भी बंदी मां हैं। बताया जाता है कि मंदिर बेहद प्राचीन है। मां की प्रतिमा यहां वैâसे आई यह किसी को नहीं पता है लेकिन यह मंदिर उनके पूर्वजों द्वारा स्थापित की गई है, जिनका नाम बंदी दन बाजपेई था। वह मां के बड़े भक्त थे। उन्होंने यहां इस मूर्ति की स्थापना कराई थी।
एक करोड़ वसूली
यह अपने आप में कार्य के प्रति ईमानदारी है और दूसरी तरफ इंगित करता है कि हिंदुस्थानी लोग बिना टिकिट यात्रा करने में ज्यादा रुचि लेते हैं। दरअसल, दक्षिणी रेलवे की एक मुख्य टिकट निरीक्षक रोजलिन अरोकिया मैरी ने हाल ही में जुर्माना वसूलने के अपने प्रभावशाली कारनामे के लिए सुर्खियां बटोरीं। अनियमित और बिना टिकट वाले यात्रियों से १.०३ करोड़ रुपए की उनकी उपलब्धि ने उन्हें रेल मंत्रालय से सराहना भी दिलाई है। रेल मंत्रालय ने खबर शेयर करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया और अपने कर्तव्यों के प्रति प्रतिबद्धता के लिए उनकी सराहना की। रेलवे ने पोस्ट का वैâप्शन लिखा है, ‘अपने कर्तव्यों के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता दिखाते हुए, जीएमएस रेलवे की सीटीआई (मुख्य टिकट निरीक्षक) श्रीमती रोजलिन अरोकिया मैरी, भारतीय रेलवे के टिकट जांच कर्मचारियों की पहली महिला बन गई हैं, जिन्होंने अनियमित/ गैर-नियमित टिकट वाले यात्रियों से १.०३ करोड़ रुपए का जुर्माना वसूल किया है। पोस्ट ने ऑनलाइन बहुत ध्यान आकर्षित किया, क्योंकि वह टिकट-जांच करनेवाली पहली महिला थीं जिन्होंने इतनी बड़ी राशि एकत्र की थी। ट्विटर यूजर्स ने उन्हें अच्छे काम के लिए बधाई दी और उनकी तारीफ की। एक यूजर ने लिखा, ‘शानदार उन्हें बधाई।’ एक अन्य यूजर ने कमेंट किया, ‘बधाई हो, महोदया! अच्छा काम किया!’
लेखक सम सामयिक विषयों के टिप्पणीकर्ता हैं। ३ दशकों से पत्रकारिता में सक्रिय हैं व दूरदर्शन धारावाहिक तथा डाक्यूमेंट्री लेखन के साथ इनकी तमाम ऑडियो बुक्स भी रिलीज हो चुकी हैं।

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