सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए सरकारी पैसे का जमकर दुरूपयोग किया था। लाडली बहन योजना सम्मलेन सहित अन्य कल्याणकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए भीड़ जुटाने लिए एसटी के रत्नागिरी, गडचिरोली, छत्रपति सभाजीनगर से कुल १ हजार ८७० बसें लगाई गई थीं। लेकिन, एसटी महामंडल की बकाया राशि अभी तक सरकार ने भुगतान नहीं की है। यह राशि करीब ४ करोड़ १६ लाख रुपए बताई जा रही है। एसटी महामंडल को उम्मीद है कि नई सरकार से बकाया रकम मिलने से उसकी तिजोरी में करोड़ों का राजस्व आएगा। राज्य परिवहन महामंडल के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, राज्य की शिंदे सरकार ने मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण, मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना, विश्वकर्मा योजना कार्यक्रम, सरकार आपके द्वार, सहित प्रधानमंत्री का महाराष्ट्र में दौरा हुआ था। इसके लिए यात्रियों को परेशानी तब झेलनी पड़ी थी। पहले ही परिवहन महामंडल की बसों की स्थिति खराब होने के बावजूद शिंदे सरकार ने विधानसभा चुनाव के पहले महामंडल की बसेस के भरोसे प्रचार का अभियान चलाया था। जानकारी के मुताबिक, जनवरी २०२४ से अगस्त २०२४ के बीच छत्रपति संभाजीनगर -४०० गडचिरोली -४०० रत्नागिरी -१०७० इस प्रकार कुल १,८७० बसों दौड़ाई गई थीं। जिनका किराया ४ करोड़ १६ लाख बकाया है। सरकारी योजना में शामिल एसटी बसों को ५० रुपए प्रति किमी के हिसाब से किराया मिलता है।