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अमित शाह के दौरे से पहले सत्ताधारियों में भगदड़! …शिंदे-भाजपा और दादा के नेता चाहते हैं मविआ में जगह

महाराष्ट्र में अकेली पड़ रही है भाजपा, शिंदे-दादा का अस्तित्व खतरे में
सामना संवाददाता / मुंबई
विधानसभा चुनावों को देखते हुए महाराष्ट्र में राजनीतिक गतिविधियों में तेजी आई है। इसी बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय मंत्री अमित शाह महाराष्ट्र दौरे पर हैं। लेकिन भाजपा नेताओं में इस कदर भगदड़ मची है कि उन्हें अमित शाह का भी भय नहीं है। वे सीधे मविआ के नेताओं से मिलकर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), एनसीपी (शरदचंद्र पवार) व कांग्रेस में शामिल होने के लिए संपर्क कर रहे हैं। गत बुधवार को संभाजीनगर से दिनेश परदेसी तो बीड जिले से राजाभाऊ फड ने भाजपा को अलविदा कह दिया है। इनमें से एक शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष में शामिल हो गया तो दूसरा एनसीपी में शामिल होने की तैयारी में है। इससे स्पष्ट होता है कि शिंदे-भाजपा और दादा गुट के नेता महाविकास आघाडी में जगह पाना चाहते है। वहीं भाजपा, शिंदे-दादा का अस्तित्व भी खतरे में पड़ता दिखाई दे रहा है।
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने भाजपा को छत्रपति संभाजीनगर में बड़ा झटका दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के महाराष्ट्र दौरे के बीच भाजपा के महासचिव डॉ. दिनेश परदेशी भाजपा को अलविदा कहते हुए शिवसेना में शामिल होकर शिवबंधन में बंध गए है। शिवसेना से गद्दारी कर घाती शिंदे गुट के साथ गए रमेश बुडाकर को हराने के लिए दिनेश परदेसी दमदार माने जा रहे हैं, तो वहीं बीड में पंकजा मुंडे और धनंजय मुंडे के एक साथ आने के बाद बड़ी संख्या में लोग एनसीपी (शरदचंद्र पवार) में प्रवेश कर रहे हैं। इसी प्रकार बीड में राजाभाऊ फड ने महायुति को छोड़ने का मन बनाया और एनसीपी में शामिल होने का फैसला किया है। बता दें कि इससे पहले अजीत पवार गुट के कई वरिष्ठ नेता शरद पवार के गुट में शामिल हो गए हैं। इनमें प्रमुख रूप से पिंपरी-चिंचवड के एनसीपी प्रमुख अजित गव्हाणे, राहुल भोसले, पंकज भालेकर और यश साने का नाम शामिल है। इन नेताओं ने अजीत पवार के नेतृत्व वाले गुट से इस्तीफा देकर शरद पवार के खेमे में शामिल होने का पैâसला किया। उन्होंने मौजूदा नेतृत्व के विकास कार्यों पर असंतोष व्यक्त किया और आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पहले शरद पवार के साथ जुड़ने का निर्णय लिया।

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