सामना संवाददाता / मुंबई
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पार्टी का राज्यव्यापी पदाधिकारी शिविर कल (रविवार) १८ जून को सुबह ९.३० बजे से शाम ५.३० बजे तक एनएससीआई डोम, वर्ली में आयोजित किया गया है। इस शिविर में महाराष्ट्र और अन्य राज्यों के मुख्य पदाधिकारी शामिल होंगे। शिविर का मार्गदर्शन पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे करेंगे।
राज्य में ‘अवैध’ सरकार का मनमाना कामकाज शुरू है। वारकरियों पर लाठियां भांजी गर्इं, जबकि किसानों के मुंह से निवाले छीन लिए गए। उद्धव ठाकरे रविवार को गद्दार सरकार पर क्या तोप दागेंगे और आनेवाले चुनाव के मद्देनजर शिवसैनिकों और पदाधिकारियों को क्या संदेश देंगे, इस पर राज्य ही नहीं, बल्कि पूरे देश का ध्यान टिका हुआ है।
ऐसा है शिविर का कार्यक्रम
-शिविर के पहले सत्र का उद्घाटन शिवसेना नेता-युवासेनाप्रमुख एवं विधायक आदित्य ठाकरे के हाथों किया जाएगा। पहले सत्र में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाराष्ट्र में कोविड के दौरान किए गए कार्यों पर एक फिल्म दिखाई जाएगी। उसके बाद शिवसेना नेता सुभाष देसाई और आदित्य ठाकरे पदाधिकारियों का मार्गदर्शन करेंगे।
– दूसरे सत्र के प्रारंभ में संगीतकार राहुल रानाडे और सह-कलाकार ‘शिवसेनेचा पोवाड़ा’ की प्रस्तुति देंगे। तत्पश्चात साईनाथ दुर्गे ‘सूचना एवं प्रौद्योगिकी का प्रभाव’ विषय पर जानकारी देंगे। उसके बाद विधान परिषद प्रतिपक्ष के नेता अंबादास दानवे, शिवसेना नेता व सांसद संजय राऊत के भाषण होंगे और शाम ४ बजे पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे पदाधिकारियों का मार्गदर्शन करेंगे।
शिविर के लिए निर्देश इस प्रकार
१) शिविर में आनेवाले आमंत्रित व्यक्ति शुरुआत में अपना रजिस्ट्रेशन कक्ष में पंजीकरण कराकर पहचानपत्र प्राप्त करें।
२) गेट नंबर सी (नेहरू तारामंडल प्रवेश द्वार) से नेता, उपनेता, सचिव, सांसद, विधायक, प्रवक्ता, समन्वयक, संगठक, मुंबई विभागप्रमुख, महिला विभाग संगठक, महिला उपविभाग संगठक, विधानसभा संगठक, विधानसभा समन्वयक, महिला विधानसभा समन्वयक, मुंबई मनपा नगरसेवक, जिलासंपर्कप्रमुख, महिला जिलासंपर्क संगठक, जिला सहसंपर्कप्रमुख, महिला जिला संयुक्त संपर्क संगठक, विधानसभा संपर्कप्रमुख, जिलाप्रमुख, महिला जिला संगठक, उपजिलाप्रमुख, महिला उपजिला संगठक तथा युवासेना, भारतीय कामगार सेना, स्थानीय लोकाअधिकार समिति महासंघ और संलग्न संगठनों के प्रमुख पदाधिकारियों, पदाधिकारियों एवं अन्य राज्यों के पदाधिकारियों को ही प्रवेश की अनुमति होगी।