उमेश गुप्ता / वाराणसी
स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की वाराणसी यूनिट को बड़ी सफलता मिली है। जनपद सुल्तानपुर के कोतवाली देहात थाना के पास से दो मादक पदार्थ के दो तस्करों को अरेस्ट किया है। यह कार्रवाई एसटीएफ फील्ड इकाई वाराणसी के निरीक्षक अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में हुई है।
एसटीएफ को सूचना मिली थी कि जनपद वाराणसी में ड्रग्स माफियाओं का एक संगठित गिरोह कार्य कर रहा है, जिनके द्वारा चरस, गांजा, हषीष, स्मैक आदि नशीले पदार्थ हिमाचल प्रदेश के मनाली, बिहार व नेपाल के बार्डर से भारी मात्रा में लाकर जनपद वाराणसी एवं आस-पास के जनपदों में बेचा जाता है। मादक पदार्थ तस्करों द्वारा मादक पदार्थ बस या ट्रेन के द्वारा भी देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंचवाया जाता है।
मुखबिर से सूचना मिली कि गिरोह की दो तस्कर, जिसमें एक महिला है वह चरस लेने मनाली गई है, वह दिल्ली होते हुए वाराणसी आ रहे है। सूचना पर टीम ने सुल्तानपुर थाने के सामने बस को रुकवाकर जांच की तो दोनों तस्करों को गिरफ्तार किया गया।
एसटीएफ के मुताबिक, गिरफ्तार तस्करों की पहचान संतोष कुमार झा निवासी गडबडुवाड़ी (सुपौल) बिहार और शिखा वर्मा निवासी कंदवा (चितईपुर) वाराणसी के रुप में हुई है। गिरफ्तार तस्करों के पास से 5 किलो 628 ग्राम चरस जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 30 लाख रुपए आंकी गई है, बरामद किया गया। पूछताछ में एसटीएफ को पता चला कि संतोष कुमार झा पैसे के लालच में आकर यह काम करता था, जबकि शिखा नशीले पदार्थ का सेवन करती है, उसे नशीले पदार्थ और पैसे देने का लालच देकर गिरोह में शामिल किया गया था। इस गैंग का सरगना देवेंद्र कुमार मिश्रा निवासी नीलकण्ठ (काली माता मंदिर के पास) थाना चौक जनपद वाराणसी है।
सरगना देवेंद्र कुमार मिश्रा द्वारा मादक पदार्थ खरीदने हेतु पहले ऑनलाइन पैसा भेज दिया जाता है उसके बाद गैंग के सदस्य को मनाली भेजकर मंगवाया जाता था। संतोष कुमार झा और शिखा वर्मा को बस द्वारा मनाली भेजा गया, वहां से यह ओल्ड मनाली में तनु नामक आदमी से ड्रग्स लेकर लौट रहे थे। वाराणसी डिलीवरी होते ही दोनों को प्रति चक्कर 50- 50 हजार रुपए दिए जाते थे।