•सीएम के पास पहुंचे पुलिस का ‘सच’ बताने सुल्तानपुर के वकील
• बहुचर्चित अधिवक्ता आज़ाद हत्याकांड
विक्रम सिंह, सुल्तानपुर
मामूली आपराधिक मामलों में भी अपराधियों को बुलडोजर का खौफ से दबोच लेने का दावा करने वाली यूपी की पुलिस सुल्तानपुर के हाइप्रोफाइल अधिवक्ता आज़ाद अहमद हत्याकांड में फेल साबित हो रही है। ६ अगस्त को सरेशाम घटित इस सनसनीखेज वारदात के दौरान देहात कोतवाली क्षेत्रांतर्गत भुलकी चौराहे पर सुल्तानपुर सिविल कोर्ट के अधिवक्ता आज़ाद अहमद को भाई समेत गोलियों से भून डाला था। उनकी तो मौके पर ही मौत हो गई थी लेकिन गंभीर रूप से जख्मी सगा भाई मुनव्वर अभी भी लखनऊ के ट्रामा सेंटर में जिंदगी के लिये जूझ रहा है। वारदात की तात्कालिक वजह पुलिस ने यूं तो लेनदेन का विवाद बताई थी लेकिन प्रकरण में हार्डकोर शूटर व जिले के टॉप फाइव अपराधियों में से एक ससिराज अहमद पप्पू और उसके साथियों की संलिप्तता प्रकाश में आने के बाद वकील समुदाय उद्वेलित हो उठा। खासकर स्थानीय पुलिस की भूमिका को लेकर वकीलों में जबरदस्त गुस्सा है। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंद पांडेय व सचिव आर्तमणि मिश्र का सपाट आरोप है कि पुलिस के कई स्थानीय अफसरों ने उसे पाल रखा है। सफेदपोशों का संरक्षण भी अभियुक्त व टॉप फाइव अपराधी सिराज को हासिल है। जिसकी वजह से पुलिस उसे खोजने के बजाय सिर्फ कागजी खानापूर्ति कर रही है। उधर पुलिस कप्तान सोमेन बर्मा ने वारदात के बाद से फरार अपराधी पर ५०००० रुपये का इनाम घोषित कर दिया है। एसटीएफ के अलावा चार स्थानीय पुलिस टीमें गठित की हैं अभियुक्तों की तलाश में। बावजूद १० दिन बीत गए नतीजा सिफर है। बुलडोजर का डर दिखाने को नगर पुलिस ने अभियुक्त के घर का दरवाजा ढहाने की औपचारिकता भी कर डाली, फिर भी कोई अपराधियों पर ख़ौफ़ बरपा न हो सका। अंततः वारदात के बाद से दिवंगत अधिवक्ता के पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिये आंदोलित वकीलों ने सीएम योगी आदित्यनाथ का दरवाजा खटखटाया। बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल ने सीएम से मुलाकात कर व्यथा कथा सुनाई व सुल्तानपुर पुलिस की अपराधियों से ‘मिलीभगत’ का आरोप मढ़ा। जिस पर सीएम योगी ने शीघ्र प्रभावी एक्शन का आश्वासन देकर उन्हें सीएम।कार्यालय से विदा किया। प्रतिनिधिमंडल में बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष करुणा शंकर द्विवेदी के साथ बार अध्यक्ष , सचिव आदि शामिल रहे। फिलहाल वकीलों को उम्मीद है कि बाबा से आशा है कि अब वे कुछ करेंगे। जिससे दिवंगत वकील के परिजनों को न्याय मिल सकेगा।