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अब भी अधूरा पुनर्वसन का वादा, ईडी सरकार का नहीं है इरादा! ‘इरादा पत्र’ न देने से ५१७ में से मात्र २५ परियोजनाओं पर हुआ काम

सामना संवाददाता / मुंबई
झोपड़पट्टी पुनर्वसन प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत परियोजनाओं को ईडी सरकार में केवल इरादा पत्र जारी न होने के कारण कई परियोजनाएं अधर में लटकी पड़ी हैं। करीब ५१७ में से केवल २५ झोपड़पट्टी में पुनर्वसन परियोजनाएं कार्यान्वित हो सकी हैं। अब विकासक बदलने की मंजूरी देने और अग्रिम भाड़ा देने वाले विकासकों के नामों पर विचार किया जा रहा है। इसलिए तीन सौ से अधिक प्रकल्पों को प्राधिकरण के माध्यम से जल्द से जल्द पूरा किए जाने की बात कही जा रही है।
वर्तमान में करीब १,५०० के आसपास झोपड़पट्टी पुनर्वसन प्रकल्प चालू हैं। इसलिए भविष्य में ५ लाख से अधिक झोपड़पट्टी वासियों को घर उपलब्ध होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। ३८० परियोजनाएं अधर में लटकी हैं, इन्हें पूरा करने के लिए कोशिश की जा रही है। परंतु इरादा पत्र जारी न होने के कारण २०१४ के पहले की ५१७ तो २०१५ के बाद की ११९ परियोजनाएं अधर में लटकी पड़ी हैं। ये सभी परियोजनाएं कार्यान्वित नहीं हो सकी हैं। इसलिए प्राधिकरण ने अधर में लटकी परियोजनाओं को कार्यान्वित करने के लिए अभय योजना जारी की है। परियोजना पूरा करने की वित्तीय क्षमतावाले ३० विकासकों की सूची प्राधिकरण ने तैयार की है। इस सूची को सरकार ने मान्यता दे दी है। इसलिए विकासकों के मार्फत से अधर में लटकी परियोजनाएं पूरी करने की कोशिश जारी है। झोपड़पट्टी पुनर्वसन परियोजना का प्रस्ताव प्रस्तुत कर प्राधिकरण से स्वीकृति लेना आवश्यक है।

अधर में लटकी ५१७ परियोजनाओं के साथ ३८० परियोजनाओ को पूरा करने के लिए प्राधिकरण का प्रयास शुरू है। इन परियोजनाओं के लिए निविदा के माध्यम से विकासक की नियुक्ति करने की प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू की जाएगी।
सतीश लोखंडे, मुख्य कार्यकारी अधिकारी,
झोपड़पट्टी पुनर्वसन प्राधिकरण

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