अभी भी

सोचिए बिचारिए बताइए जरूर ।
वहां कहां खड़े हैं इधर आइए जरूर ।।

आकर यहां से देखिए क्या हो रहा वहां ।।
न्याय किस तरफ है यह बताइए जरूर।।

गुफ्तगू करें जरा विचार भी करें
गुमशुदा है रास्ता निकालिए जरूर ।।

अंधेरा हमें रात दिन हैरान कर रहा ।
कोई नया प्रकाश यहां लाइए जरूर ।।

सुनिए हमारी बात अपनी बात कीजिए।
किसी तरह से हाथ अब मिलाइए जरूर।।

इंसानियत की राह में रोड़े हैं आ गए।
मिल करके साथ अब निभाइए जरूर।।

गलत सही जो भी हुआ सब भूल जाइए।
अपना वतन है अब इसे अपनाइए जरूर।।

निवेदन है आज और यही प्रार्थना भी है।
चश्मा बदल के एक बार आइए जरूर।।

अन्वेषी

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