सामना संवाददाता/ मुंबई
भाजपा की राष्ट्रीय सचिव पंकजा मुंडे का कल बीड़ में दिया गया बयान चौंकानेवाला है। बताया जा रहा है कि वह पिछले कुछ समय से भाजपा से नाराज हैं। उन्हें अन्य दलों से भी ऑफर आए हैं। बीड में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए पंकजा मुंडे ने कहा कि जब तक मराठों को आरक्षण नहीं मिल जाता, तब तक मैं साफा नहीं बाधूंगी। उन्होंने आगे कहा कि ओबीसी समाज का आरक्षण खतरे में था, तो मैंने कहा था कि मैं गले में फूलों की माला नहीं पहनूंगी। उन्होंने आगे कहा कि हमें दूध पिलाया जाता है लेकिन अब समय आ गया है कि छाछ (ताक) को भी फूंक-फूंककर पीया जाए। २०२४ इतिहास रचनेवाला यानी इतिहास बदलनेवाला साल है। आप सभी की निस्वार्थता मुझे देखनी है। मुंडे के इस बयान के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि २०१९ में बीड में कुछ हादसे हुए। अब २०२४ में ऐसा नहीं होगा।
प्रदेश अध्यक्ष ने विश्वास जताया कि वे पंकजा ताई के नेतृत्व में आगामी चुनाव लड़ें जाएंगे। कार्यक्रम के पहले मीडिया से बातचीत करते हुए पंकजा मुंडे ने कहा कि सभी दल मेरे संबंध में सकारात्मक बोल रहे है। तो मेरे द्वारा किसी के बारे में नकारात्मक बोलने का सवाल ही नहीं उठता। मैंने फिलहाल मुझे मिले प्रस्तावों पर गंभीरता से विचार नहीं किया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैं प्रस्तावों पर गंभीरता से विचार नहीं करूंगी। क्योंकि किसी भी व्यक्ति को गंभीरता से न लेना उनका अपमान है। पंकजा मुंडे के इस बयान से हड़कंप मच गया है। पंकजा मुंडे के उक्त बयान के बाद यह कयास लगाए जा रहे है कि वे अन्य दल में जाने की भी तैयारी में है। पिछले कुछ सालों से पंकजा मुंडे और देवेंद्र फड़णवीस के बीच शीत युद्ध चल रहा है। २०१९ में पंकजा मुंडे ने परली में अपनी हार के लिए विपक्षी उम्मीदवार पर मदद मुहैया कराने का आरोप अपनी ही पार्टी लगाया था। इसके बाद सांसद प्रीतम मुंडे की जगह भागवत कराड को केंद्र में राज्य मंत्री बनाए जाने पर पंकजा मुंडे ने सार्वजनिक तौर पर नाराजगी व्यक्त की थी। इसलिए कल का उनका बयान सबका ध्यान खींच रहा है। पंकजा मुंडे निकट भविष्य में अपनी पार्टी बदलेंगी क्या? ऐसा सवाल उठ रहा है। उन्हें एनसीपी, बीआरएस, एमआईएम से ऑफर मिला है।