मुख्यपृष्ठनए समाचारसहमा हुआ है शेयर बाजार!..सेबी प्रमुख पर हिंडनबर्ग के आरोपों से हलचल...

सहमा हुआ है शेयर बाजार!..सेबी प्रमुख पर हिंडनबर्ग के आरोपों से हलचल तेज

-कहीं बाजार न कर जाए क्रैश, विशेषज्ञों की राय

सामना संवाददाता / नई दिल्ली

देश का शेयर बाजार आज क्या रुख अपनाएगा, इस पर हर किसी की नजर है। इसका कारण है हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट, जिसमें सेबी चीफ संदेह के घेरे में हैं। अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की इस नई रिपोर्ट से राजनीतिक हलकों से लेकर निवेशकों के बीच में भारी हलचल मची हुई है। पिछली बार जब अडानी ग्रुप के कदाचार के खिलाफ हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आई थी तो बाजार व्रैâश कर गया था। इसलिए इस बार क्या होगा, इसे लेकर बाजार सहमा हुआ है।

हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोप
‘अडानी का निरंतर बिना किसी गंभीर नियामक हस्तक्षेप के काम करने का पूरा भरोसा इस बात का संकेत है कि यह सेबी की अध्यक्ष, माधबी बुच के साथ अडानी के संबंधों के कारण हो सकता है।’
आरोपी की जगह हिंडनबर्ग को भेजा नोटिस

अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया है कि सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच के पास कथित ‘अडानी धन हेराफेरी घोटाले’ में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी। यही कारण है कि आज सोमवार को जब शेयर बाजार खुलेंगे तो इस घटनाक्रम पर निवेशकों की जबरदस्त प्रतिक्रिया देखने को मिल सकती है। अमेरिकी शॉर्ट-सेलर कंपनी ने आरोप लगाया है कि भारतीय शेयर बाजार नियामक सेबी ने अडानी ग्रुप के खिलाफ कोई सार्वजनिक कार्रवाई नहीं की और इसके बजाय हिंडनबर्ग रिसर्च को ‘कारण बताओ’ नोटिस भेजा। हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि सेबी के ‘कारण बताओ’ नोटिस में कहा गया कि उनकी रिपोर्ट ‘लापरवाह’ थी क्योंकि उन्होंने एक प्रतिबंधित ब्रोकर का हवाला दिया था, जो सेबी से संबंधित मामलों में विशिष्ट अनुभव रखता था और उसने विस्तार से बताया कि नियामक को पता था कि अडानी जैसी कंपनियां जटिल ऑफशोर इकाइयों का उपयोग करके नियमों का उल्लंघन कर रही थीं और नियामक ने इन योजनाओं में भाग लिया।
हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा, ‘अडानी का निरंतर बिना किसी गंभीर नियामक हस्तक्षेप के काम करने का पूरा भरोसा इस बात का संकेत है कि यह सेबी की अध्यक्ष, माधबी बुच के साथ अडानी के संबंधों के कारण हो सकता है।’ सेबी चीफ माधबी पुरी बुच पर लगाए गए हिंडनबर्ग के आरोपों पर बाजार की प्रतिक्रिया के बारे में विश्लेषकों का मानना है कि इस घटनाक्रम पर निवेशकों की जबरदस्त प्रतिक्रिया देखने को मिल सकती है। एक स्वतंत्र बाजार विश्लेषक अंबरीश बालिगा ने कहा, ‘सेबी चेयरपर्सन को लेकर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर बाजार में तीखी प्रतिक्रिया हो सकती है क्योंकि ये आरोप एक मौजूदा सेबी प्रमुख के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा, बाजारों में रिकवरी भी उतनी ही तेज होनी चाहिए। समस्या तब ज्यादा पैदा होगी जब सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच को इन आरोपों के कारण छुट्टी पर जाने के लिए कहा जाएगा। जैसा कि हमने पहले आईसीआईसीआई बैंक में चंदा कोचर के मामले में देखा था।

अन्य समाचार