विवाद बढ़ने के बाद कर्मचारी को नौकरी से निकाला
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, जिसका उद्घाटन देश के पीएम नरेंद्र मोदी ने किया था, एक साल के भीतर ही उस पर बड़ा गड्ढा बन गया है, जिसने पीएम मोदी के `विकास’ की पूरी पोल-पट्टी खोलकर रख दी है। इससे भी हास्यास्पद बात तो यह है कि एक्सप्रेसवे को बनाने वाली ठेकेदार कंपनी के एक एंप्लाई ने इस होल के लिए चूहों को जिम्मेदार बताया है। जिसके बाद इस पर बड़ी बहस और कंपनी की किरकिरी होने के बाद उस कर्मचारी को नौकरी से निकाल दिया गया।
दरअसल, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे परियोजना का हिस्सा होने का दावा करने वाले एक कर्मचारी ने कहा था कि राजस्थान के दौसा जिले में सड़क के एक हिस्से में धंसाव के लिए चूहे जिम्मेदार हैं। इस एक्सप्रेसवे के रख-रखाव प्रबंधक होने का दावा करने वाला कर्मचारी `केसीसी बिल्डकॉन’ का एक जूनियर कर्मचारी था। मीडिया में इस बयान की चर्चा होने के बाद भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने कड़ा रुख अपनाया था।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, बाद में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को बनानेवाली केसीसी बिल्डकॉन फर्म ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को लिखे पत्र में अपनी स्थिति साफ की। फर्म ने कहा कि यह टिप्पणी एक जूनियर कर्मचारी ने की थी, जिसे परियोजना के बारे में कोई तकनीकी समझ नहीं। कंपनी ने साफ कहा कि उसे कंपनी से निकाल दिया गया है। कंपनी ने पत्र में कहा कि कर्मचारी रख-रखाव प्रबंधक नहीं है। उसकी टिप्पणियां तकनीकी समझ पर आधारित नहीं थीं। कर्मचारी ने पहले बताया था कि संभव है कि चूहे या किसी छोटे जानवर ने गड्ढा खोदा हो, जिससे पानी रिसने लगा हो। इस बीच दौसा में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के परियोजना निदेशक बलवीर यादव के मुताबिक, पानी के रिसाव के कारण सड़क धंस गई।