रोज औसतन ६३ से ज्यादा लोगों को काट रहे कुत्ते प्रशासन को नहीं है भनक
योगेंद्र सिंह ठाकुर / पालघर
पालघर में आवारा कुत्ते शहर लेकर गांव तक में आफत बन गए हैं। वो राह चलते लोगों को काट रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार, आवारा कुत्तों ने पिछले ९ महीने में अब तक २२ हजार लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं। आवारा कुत्तों की संख्या के साथ पीड़ितों की संख्या भी लगातार बढ़ती ही जा रही है।
यह आंकड़े स्वास्थ्य विभाग के हैं, जबकि कई मामले ऐसे भी हैं जो दर्ज नहीं हुए हैं। यहां हालत यह है कि रोज औसतन ६३ से ज्यादा लोगों को आवारा कुत्ते काट रहे हैं। इसके बावजूद प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं है।
प्रशासन की लापरवाही भुगत रहे आम लोग
पालघर जिले में इस समय हजारों आवारा कुत्ते हैं, जो लोगों पर रोजाना अपना कहर बरपा रहे हैं। बीते वर्ष २०२२ में पालघर जिले की आठ तालुकाओं में कुल १०,४२५ लोगों को कुत्तों ने अपना निशाना बनाया है। इस समस्या से निपटने में वसई-विरार शहर महानगरपालिका और पालघर, दहानू, जव्हार नगरपरिषद और ग्राम पंचायतें नाकाम होती दिख रही हैं, जिसका खामियाजा पालघरवासी भुगत रहे हैं।
जिला परिषद की बैठक में उठा मुद्दा
कुत्तों के कहर का मामला हाल ही में हुई जिला परिषद की बैठक में भी गूंजा। कुत्तों की बढ़ती संख्या पर अंकुश लगाने के लिए जिले के सफाले, दांडी, दहानू आदि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कुत्तों की नसबंदी की प्रक्रिया लागू की गई। इस बीच जिला परिषद के हाल ही में पेश किए गए बजट में ८० लाख रुपए का प्रावधान किया गया है।
अन्य जानवर भी बरपा रहे कहर
पालघर जिले में लोगों को निशाना बनाने में अन्य जानवर भी पीछे नहीं रहे। उन्होंने भी १,१४७ लोगों को अपना शिकार बनाया है। कुत्तों के अलावा बंदरों ने भी ५१ लोगों को अपना निशाना बनाया, साथ ही पालतू बिल्लियों ने भी २,१०८ लोगों को काटा है।