मुख्यपृष्ठखबरेंस्ट्रीट फर्नीचर ठेका हुआ रद्द! आदित्य ठाकरे ने किया था पर्दाफाश

स्ट्रीट फर्नीचर ठेका हुआ रद्द! आदित्य ठाकरे ने किया था पर्दाफाश

आक्रामक सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई मनपा के २६३ करोड़ रुपए के स्ट्रीट फर्नीचर का ठेका रद्द कर दिया गया है। इस ठेके में हुआ घोटाला शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व विधायक आदित्य ठाकरे ने सार्वजनिक किया था। असंवैधानिक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने निकटवर्ती मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए यह ठेका दिया था, इसका पर्दाफाश आदित्य ठाकरे ने किया था। इसके साथ ही इस घोटाले की लोकायुक्त द्वारा जांच कराई जाए, ऐसी मांग उन्होंने की थी। आखिरकार, इससे घबराकर ईडी सरकार ने यह ठेका रद्द कर दिया। मुंबई के सुशोभीकरण के लिए सैकड़ों करोड़ का स्ट्रीट फर्नीचर खरीदी करने का यह ठेका था, जिसमें १३ वस्तुओं का समावेश था। खरीदी के लिए निविदा निकाली गई थी। आदित्य ठाकरे ने इस घोटाले का पर्दाफाश किया था। इन १३ वस्तुओं को एक ही ठेकेदार द्वारा सप्लाई करना था, ऐसी शर्त थी। दो कंपनियों को यह ठेका दिया गया था। इन दोनों कंपनियों को स्ट्रीट फर्नीचर सप्लाई करने का कोई अनुभव नहीं था। कॉन्ट्रैक्ट में डिपॉजिट राशि ५ करोड़ रुपए जमा करने की शर्त थी। नगरसेवकों की निधि से सड़क के बेंच खरीदे जाते हैं तो फिर इस तरह के स्वतंत्र ठेके की आवश्यकता क्या है, ऐसा सवाल आदित्य ठाकरे ने उपस्थित किया था।
स्ट्रीट फर्नीचर का ठेका रद्द किए जाने की कल विधानसभा में घोषणा की गई। इस दरम्यान आदित्य ठाकरे ने कल सुबह ही राज्यपाल रमेश बैस को पत्र लिखकर इस घोटाले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की थी। ऐसे में इस घोटाले की अगर गहन जांच की गई तो शिंदे सरकार के कारनामे का पर्दाफाश हो जाएगा। इसी डर से सरकार ने ठेका रद्द करने का निर्णय लिया है, ऐसी चर्चा हो रही है। स्ट्रीट फर्नीचर घोटाले के संदर्भ में मुंबई मनपा आयुक्त को कई बार पत्र लिखकर सवाल पूछा था। परंतु अब तक उन्होंने एक शब्द में भी उत्तर नहीं दिया, ऐसा आदित्य ठाकरे ने कल मीडिया से बातचीत करते हुए कहा। यह ठेका रद्द किया गया है या स्थगित किया गया है। इस बारे में स्पष्टता होना जरूरी है, ऐसा उन्होंने पत्र में उल्लेख किया है। महानगरपालिका में हुआ यह बड़ा घोटाला है और यह जनता के सामने आना चाहिए, ऐसा आदित्य ठाकरे ने कहा। विधायक होने के नाते इस ठेके के बारे में पूछा था परंतु हमें मनपा की ओर से जानकारी नहीं मिली। परंतु जो अधिकारी इस घोटाले के जवाबदार हैं, उन्हें हमारी सरकार आने के बाद जवाब देना होगा, नहीं तो जेल में जाना होगा, ऐसी चेतावनी उन्होंने दी। कहां बैठे हैं मंत्री पद के दावेदार
१०० नहीं ११० प्रतिशत मंत्री बनेंगे ही, ऐसा कहनेवालों को अब कहां रखा गया है? उन्हें वापस गुवाहाटी भेजेंगे क्या? ऐसा तंज भी इस दौरान आदित्य ठाकरे ने शिंदे सरकार पर कसा। सरकार आपके द्वार (शासन आपल्या दारी) इस योजना पर भी उन्होंने टिप्पणी की। सरकार आपके द्वार के लिए ५२ करोड़ रुपए खर्च हुए। अब भी मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री का फोटो बस स्टॉप आदि स्थानों पर दिखाई दे रहा है। इतना पैसा जनता पर खर्च करना चाहिए था, ऐसा आदित्य ठाकरे ने कहा।

अन्य समाचार