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महाविकास आघाड़ी की नागपुर में मजबूत वज्रमुठ, ये अपशगुनी सरकार! उद्धव ठाकरे का तूफानी प्रहार, इनके कार्यों पर फफूंदी लग गई है!!

सामना संवाददाता / नागपुर,
महाराष्ट्र में उल्टे पैरोंवाली सरकार के सत्ता में आने के बाद हर दो-चार दिन में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि हो रही है। किसानों का गुस्सा फूट रहा है और सरकार चलानेवाले केवल घूम रहे हैं, ऐसा तूफानी हमला शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने कल शिंदे सरकार पर बोला। सरकार द्वारा आनंद का राशन बांटा जा रहा है। वितरित किए जा रहे राशन में फफूंदी लगी हुई है, जिस पर उद्धव ठाकरे ने आलोचना की तोप दागी। जहां कामकाज को ही फफूंदी लगी हो, वहां मौजूद अनाज को फफूंदी नहीं लगेगी तो क्या होगा? पूरे देश और राज्य का नाश कर रहे हैं इसीलिए हम उनके खिलाफ मैदान में उतर गए हैं। यह लड़ाई हम तुम्हारे लिए लड़ रहे हैं। अब जीतने तक रुकना नहीं हैं, ऐसी घोषणा करते ही लाखों के जनसैलाब ने मुठ्ठी बांधकर आर-पार की लड़ाई की शपथ ली।
नागपुर के दर्शन कॉलोनी मैदान में महाविकास आघाड़ी की जोरदार वङ्कामूठ सभा हुई। सभा में अथाह जनसैलाब उमड़ा था। इस भीड़ की मौजूदगी में उद्धव ठाकरे ने अपने आधे घंटे के जोरदार भाषण में भाजपा के दमन, जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का खुलासा, मोदी-अडानी कनेक्शन, मिंधियों के विश्वासघात और बेमौसम बरसात इन मुद्दों पर चौतरफा हमला बोला।

शराब का नशा एक घर बर्बाद करता है तो वहीं सत्ता का नशा पूरे देश को बर्बाद कर देता है, यह आज हम सब देख रहे हैं।

फटकारे
सत्ता की खुमारी में चूर कोई व्यक्ति हो और उसके सामने कोई सच्चा समाज सुधारक हो तो उनके सामने उसे झुकना ही पड़ता है। यह महाराष्ट्र ने पूरे देश को दिखा दिया है।
शराब का नशा एक घर बर्बाद करता है तो वहीं सत्ता का नशा पूरे देश को बर्बाद कर देता है, यह आज हम सब देख रहे हैं।
हमारे देश में लोकतंत्र का उपयोग केवल जो सत्ता में बैठे हैं उनके मित्रों के लिए ग्राहक बनाने और अपने पक्ष का मतदाता बढ़ाने के लिए हो रहा है।
भारत माता के पैरों में पुन: बेड़ियां डालने का कार्य शुरू कर दिया गया है।
लोकतंत्र मरा नहीं हैं। लोकतंत्र को खत्म नहीं होने दूंगा। लोकतंत्र को बरकरार रखना है तो यह जिंदादिली तुम्हें बरकरार रखनी ही होगी। हम मैदान में उतर गए हैं। अब जीतने तक रुकना नहीं है।
बाबरी गिराई तब अयोध्या में तुम और तुम्हारे चाचा गए थे क्या?

हमने घर में बैठकर काम किया, …जनता को काम चाहिए

राज्य की उपराजधानी नागपुर में यह दूसरी सभा है। इसके पहले जब कस्तूरचंद पार्क में पहली सभा हुई थी, तब किसानों की कर्जमुक्ति का प्रण लिया गया था।
कल धर्माधिकारी को पुरस्कार दिया गया। वर्षों से समाजसेवा क्षेत्र में काम करनेवाला वह बड़ा पुराना घराना है। उनका व्यसनमुक्ति क्षेत्र में बड़ा योगदान है। लेकिन आश्चर्य है कि जो लोग परिवारवाद का विरोध कर रहे थे, उन्हीं लोगों को उनका सम्मान करना पड़ा।
केंद्र की मोदी सरकार पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि सत्ता का नशा देश को बर्बाद कर रहा है।‌ हमारे देश में सत्ता का उपयोग सिर्फ सत्ता में बैठे दोस्तों और वोटबैंक बनाने के लिए किया जाता है। आज उनके अमीर दोस्तों की संख्या बढ़ रही है। देश की इस भूमि से बाबासाहेब आंबेडकर ने संविधान के सहारे लोगों को अधिकार दिलाया है लेकिन अब भारत माता को बेड़ियां लगाने का काम शुरू है। बाबासाहेब के संविधान की हम रक्षा करेंगे, ऐसा हमें सुनिश्चित करना होगा।
उन्होंने कहा कि १० दिन पहले मैंने ‘फड़तूस’ शब्द का उपयोग किया था। लेकिन उसके पीछे उद्देश्य यह था कि यह अपशगुनी सरकार आने से बेमौसम बारिश, सूखा, ओलावृष्टि आदि हो रही है। यह अच्छा है कि हमारी आंखें समय से खुल गई हैं।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमने पहले काम किया है और अब सभा ले रहे हैं। जनता के बीच जा रहे हैं। इस सरकार में जनता का कोई काम नहीं हो रहा है। विदर्भ में भी किसानों के साथ अन्याय हो रहा है। आज किसान रो रहे हैं और मुख्यमंत्री कहते हैं कि हमने समय पर मदद की है। हमने घर में बैठकर काम किया था तब भी लोगों की पूरी मदद की थी और महाराष्ट्र को पांचवे क्रमांक पर लाकर खड़ा कर दिया था। जनता को क्या चाहिए? काम चाहिए।
छाती पर वार करते हैं और छाती पर वार झेलते हैं
उन्होंने गद्दारों पर हमला बोलते हुए कहा कि गद्दारी करके सरकार गिराने की परंपरा महाराष्ट्र की नहीं है। हम वे लोग हैं, जो छाती पर वार करते हैं और छाती पर वार सहते हैं। पीठ में खंजर घोंपने की हमारी परंपरा नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं जब अयोध्या गया था तो कांग्रेस नेता सुनील केदार भी मेरे साथ थे। शिवसेना ने पहले मंदिर बनाने की मांग की फिर सरकार का नारा दिया था। हमने कहा था कि पहले मंदिर बनाओ लेकिन मोदी जी ने हिम्मत नहीं जुटाई। अब जब कोर्ट ने पैâसला दिया, तब भाजपावाले इसका श्रेय ले रहे हैं।
फिर क्यों गए सूरत व गुवाहाटी?
उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर हमला बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री वास्तव में रामभक्त हैं तो सूरत गुवाहाटी न जाकर अयोध्या गए होते। देवेंद्र फडणवीस कभी अयोध्या गए थे? यह बोलने के बाद फडणवीस अयोध्या गए। देश और महाराष्ट्र में रामराज्य कब आएगा?
८ से ९ वर्ष में मोदी ने क्या किया?
उन्होंने कहा कि एयर बस की परियोजना महाविकास आघाड़ी सरकार लानेवाली थी लेकिन इस सरकार ने उसे गुजरात भेज दिया और हम पर आरोप लगाते हैं। मैं पूछता हूं कि ८ से ९ वर्ष में मोदी ने क्या किया?
भाजपा नेता चंद्रकांत पाटील के विवादित बयान को लेकर गद्दारों पर जोरदार हमला बोलते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि बाप चोरी करनेवाली इन औलादों का न कोई देवता है और न कोई आदर्श। क्या चंद्रकांत पाटील कभी अयोध्या गए थे? चंद्रकांत पाटील जो कहते हैं, क्या संघ उनके बयान से सहमत है? शिवसेनाप्रमुख का अपमान तुम करते हो। मैं चुनौती देता हूं कि तुम मैदान में आओ। जनता जो निर्णय लेगी, उसे विनम्रता से स्वीकार करेंगे। तुम हिंदुत्व की बात करते हो, कांग्रेस में हिंदू नहीं हैं क्या? हमारा हिंदुत्व तुम्हारे जैसा नहीं है। हमारा हिंदुत्व देशभक्त है। तुम छत्रपति संभाजीनगर में सभा के बाद गोमूत्र छिड़कते हो, क्या वहां आनेवाले लोग मनुष्य नहीं थे। मोहन भागवत मस्जिद में जाकर आए, मैं जाकर आया। तुम हिंदुत्व की झूठी कथा मुझे न बताओ। देश के लिए त्याग करनेवाले ही असली हिंदू हैं। वर्ष २०१४ में अपने वचन से मुकर गए, ऐसा हमारा हिंदुत्व नहीं है। एक महिला के साथ जाकर मारपीट करते हो, जो गर्भवती है, उपचार करवा रही है। उसके पेट पर लात मारते हो और उसकी शिकायत लेने के लिए पुलिस तैयार नहीं होती है। यही इनका हिंदुत्व है। अगर ऐसा है तो गृहमंत्री फड़तूस हैं। मैंने इस शब्द का उपयोग किया, फड़तूस का मतलब बिना काम का व्यक्ति।
उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र है। देश स्वतंत्र होना चाहिए। क्रांतिकारियों ने देश में बलिदान स्वतंत्रता के लिए दिया है, जनता के लिए दिया है न कि भाजपा को सत्ता में बैठने के लिए आजादी दिलाई है। अन्याय करने वालों को सिंहासन पर हम नहीं बैठने देंगे। यह आज आपको तय करना है, नहीं तो कोई भी आएगा और वो करेगा, जिसकी हमें अपेक्षा नहीं है।
सत्यपाल का खुलासा गंभीर
उन्होंने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि माना हिंडेनबर्ग झूठा है फिर भी इतना क्यों डर गए? राहुल गांधी की लोकसभा से सदस्यता रद्द कर दी गई। पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने गंभीर खुलासा किया है। पुलवामा हमले को लेकर मलिक ने जो आरोप लगाए हैं, उसका जवाब चाहिए। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी कहते थे कि सरकार आती है जाती है लेकिन देश रहना चाहिए। लेकिन यहां तो सभी गद्दारों को लेकर कामकाज शुरू है। उन्होंने कहा कि भाजपा को सत्ता का नशा है। पिछले आठ-नौ साल से देश में क्या किया यह तो बताओ, उज्ज्वला योजना कितनी जगह पर सही से शुरू है? फसल बीमा योजना किसानों के खाते में कितने पैसे आते हैं? किसी भी गांव को लाभ नहीं, लेकिन उसकी फोटो सब जगह पर दिखाई जाती है। लेकिन योजना में नहीं दिखता है।

 

 

 

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