सगीर अंसारी / मुंबई
लाखों की आबादी वाले गोवंडी क्षेत्र में मनपा द्वारा संचालित स्कूलों में अगर एक स्कूल को छोड़ दें तो किसी भी स्कूल में दसवीं तक कक्षा न होने के कारण ज्यादातर विद्यार्थी बीच में ही अपनी शिक्षा छोड़ने के लिए मजबूर हैं। हालांकि, इस क्षेत्र में उर्दू माध्यम से शिक्षा प्राप्त करनेवाले विद्यार्थियों की तादाद ज्यादा है। इस मसले को लेकर स्थानीय एनजीओ ने भी आवाज को उठाना शुरू कर दिया है।
बता दें कि शिवाजी नगर व बैगनवाड़ी में मनपा द्वारा सात स्कूलों का संचालन किया जाता है। इन स्कूलों में हिंदी, उर्दू और मराठी माध्यम से पढ़ने वाले बच्चे शिक्षा हासिल करते हैं, परंतु उर्दू माध्यम से शिक्षा प्राप्त करनेवाले विद्यार्थियों की तादाद ज्यादा होने की वजह से मनपा ने संजय नगर मनपा स्कूल में उर्दू माध्यम के लिए दसवीं तक कक्षा की शुरुआत कर दी है, लेकिन विद्यार्थियों की संख्या ज्यादा होने के कारण दूसरे स्कूलों से आठवीं तक शिक्षा प्राप्त करनेवाले विद्यार्थियों में से कुछ ही प्रतिशत बच्चों को यहां दाखिला मिल पाता है। इस स्कूल में दाखिला लेनेवाले बच्चों को बोर्ड की परीक्षा के दौरान सेंटर भायखला में पड़ने की वजह से काफी तकलीफों का सामना करना पड़ता है। स्थानीय लोगों की मांग है कि यहां पर मौजूद सभी मनपा स्कूलों को दसवीं तक किया जाए और इसके साथ ही उन्हें नया इंडेक्स नंबर दिया जाए, ताकि बच्चों को परीक्षा के दौरान क्षेत्र से बाहर न जाना पड़े।