• वडाला झोपड़पट्टी क्षेत्र के लोगों में आक्रोश
• मनपा के खिलाफ जता रहे नाराजगी प्रशासक नियुक्ति के बाद बढ़ी समस्या
रामदिनेश यादव / मुंबई
महानगर मुंबई में पानी सप्लाई व्यवस्था को सुधारने के लिए मनपा की ओर से तरह-तरह के काम किए जा रहे हैं। साथ ही ऐसा दावा भी किया जा रहा है कि मुंबईकरों को सप्लाई होनेवाले पानी में कटौती नहीं की जाएगी। मुंबईकरों को पानी आपूर्ति करनेवाली झीलों में भी पर्याप्त पानी है। इसके बावजूद दक्षिण मध्य मुंबई के झोपड़पट्टी क्षेत्र के वडाला संगम नगर में जलापूर्ति नहीं हो पा रही है। पिछले सालभर से लोग यहां पानी के लिए अकसर झगड़ते और लड़ते नजर आते हैं। मनपा के एफ नार्थ वॉर्ड के अधिकारी को लगातार शिकायतें भी दी गई हैं लेकिन कोई ठोस एक्शन नहीं लिया गया है। उधर सक्रिय रैकेट लोगों को पानी कनेक्शन के लिए अलग से लूट रहा है। इस समस्या को लेकर अब लोगों में मनपा के प्रति भारी नाराजगी देखने को मिल रही है।
वडाला बरकत अली से लेकर सायन प्रतीक्षा नगर तक एक विशाल झोपड़पट्टी क्षेत्र है। यह धारावी के बाद दूसरी सबसे बड़ी झोपड़पट्टी मानी जाती है। यहां संगम नगर, गणेश नगर, चिक्कल वाड़ी, हिम्मत नगर, विजय नगर, आजाद मोहल्ला, कमला नगर, हिंदुस्तान नगर, प्रेम नगर आदि इलाके हैं। खासकर संगम नगर, इमामत नगर, चिक्कल वाड़ी, कमला नगर सहित अन्य इलाकों में पानी सप्लाई मात्र एक से डेढ़ घंटे के लिए ही होती है। चूंकि एक नल कनेक्शन में ८ से १० लोग मेंबर होते हैं। ऐसे में सभी को पानी नहीं मिल पाता है, जिस वजह से लड़ाई होना आम बात है।
पानी कनेक्शन का रैकेट
एक तरफ लोग पानी के लिए तरस रहे हैं तो दूसरी तरफ पानी के नए कनेक्शन के लिए मनपा के अधिकारियों के सानिध्य में एक रैकेट काम कर रहा है। सनी पांडे ने बताया कि यहां इलाके में पानी की सप्लाई इसीलिए कम होती है, ताकि इनके जरिए नए कनेक्शन को बढ़ावा मिल सके, इसके लिए ५० से ७० हजार रुपए तक लिए जाते हैं। कुछ दिन तो उसमें ठीक से पानी आता है लेकिन बाद में उसमें भी पानी आना कम हो जाता है। यहां अवैध कनेक्शन की संख्या लाखों में है। कई बार दिखावटी रूप में मनपा अधिकारी कार्रवाई करते हैं लेकिन फिर ढाक के वही तीन पात वाली स्थिति हो जाती है। आखिर, अवैध कनेक्शन किसके कहने से दिया जाता है?
क्या कहती है जनता?
किशन मौर्य ने कहा कि यहां पानी सप्लाई में कमी को लेकर लोगों में काफी नाराजगी है। लोगों ने साफ कहा कि जब मनपा हमें पानी नहीं दे सकती है, पानी आधे से भी कम देती है तो बिल पूरा क्यों लेती है? जल सप्लाई व्यवस्था दुरुस्त करने की जरूरत है। वहीं मनोज यादव का कहना है कि जबसे राज्य में `मिंधे’ सरकार आई है, मनपा का काम-काज लड़खड़ा गया है। मुंबई के विकास के नाम पर लूट मची है। मनपा प्रशासक सिर्फ टेंडर घोटले में व्यस्त हैं, जबकि जनता की परवाह उन्हें नहीं है। यह पूरी तरह से मनपा की असफलता है।
हाथों में डिब्बे लेकर पानी तलाशते हैं लोग
इस क्षेत्र में पानी की सप्लाई सुबह ४.३० या ५ बजे से ६ बजे तक ही होती है। इस बीच पानी के लिए लोगों में कहासुनी हो जाती है। यदि कुछ लोग पानी पा भी जाते हैं तो बाकी के लोग हाथों में डिब्बा लिए दूसरों के यहां पानी मांगने जाते हैं। कुछ नलों में पानी सप्लाई के दौरान मेन पाइप में बचा हुआ पानी लोग मोटर द्वारा खींचते हैं। पानी की किल्लत के चलते हालात ऐसे हैं कि कभी-कभार लोगों के पास खाना बनाने के लिए तो दूर पीने के लिए भी पानी नहीं होता। काम के चलते देरी से घर लौटनेवाले लोगों की हालत तो और खराब होती हैं क्योंकि वे पानी के लिए सुबह जल्दी नहीं उठ पाते। सुबह पानी के लिए लोगों में झगड़ा होने से आस-पास के लोगों में आपसी तनाव बढ़ने लगा है।
शिकायत करनेवालों का नल उखाड़ देते हैं
मनपा अधिकारी यहां ज्यादा शोर मचानेवालों को शांत करने के लिए उनका नल ही उखाड़ देते हैं। कुछ दिनों पहले की बात है। एकता सोसायटी की गली में पानी नहीं आने की शिकायत करते हुए अधिकारी का घेराव किया गया तो उस अधिकारी ने वहां गलत कनेक्शन होने का हवाला देते हुए लीगल कनेक्शन भी काट दिया और फिर लोग अपने पुराने कनेक्शन को जोड़ने के लिए चक्कर काटने लगे। उस घटना के बाद से लोग शिकायत करने में भी डरने लगे हैं।