विमल मिश्र
अपनी बात बिंदास दूसरों तक पहुंचाने की इच्छा हो, तो मुंबई के इन खास उद्यानों में पहुंच जाइए। मुंबई के अपने ‘हाइड पार्क’ ही नहीं, किलेनुमा, हवाई जहाजनुमा और झूलते बागीचे भी हैं। कुछ ही समय पहले ठाणे और कल्याण में न्यू यॉर्क और लंदन के विश्व प्रसिद्ध बागों से प्रेरित ग्रैंड सेंट्रल पार्क भी खुल गए हैं।
लंदन के हाइड पार्क की शोहरत के बारे में सबने सुना है, जहां आपके पास दूसरों की सुनने और अपनी बात बगैर रोक -टोक के पूरी स्वतंत्रता से दूसरे तक पहुंचाने का पूरा मौका है। मुंबई में भी ऐसे कई हाइड पार्क हैं। विले पार्ले पूर्व के वीर सावरकर उद्यान में आचार्य अत्रे कट्टा (मंच) नाम से इस उद्देश्य के लिए एक पूरा हिस्सा है। ठाणे की गोखले रोड के कोपरी बाग जब भी आप आएंगे लोगों को गरमा -गरम बहस में उलझे पाएंगे।
बाग-बाग किले बांद्रा और सायन के
सायन, बांद्रा और मझगांव मुंबई के बड़े और प्रसिद्ध किले हैं, पर विडंबना देखिए, मुंबईकर यहां बागीचा समझकर घूमने आते हैं। बांद्रा बैंड स्टैंड पर बांद्रा फोर्ट की दर्शनीयता बहुत हद तक ताड़ व दूसरे पेड़ों के झुरमुट से घिरे उसके उद्यानों की वजह से है। सुबह की सैर करने आने वाले पांच सौ से ज्यादा स्थानीय लोगों के साथ धारावी, प्रतीक्षा नगर, चेंबूर और नई मुंबई तक के बच्चे सायन किले में सुबह शाम आकर पढ़ाई-लिखाई के साथ नृत्य और खेलों का अभ्यास करते हैं। यहां चंपा का शायद सदियों पुराना एक पेड़ अपने वृहदाकार तने के कारण बरबस ही ध्यान आकृष्ट कर लेता है। मनपा ने बच्चों के खेल-कूद की सुविधाओं के साथ यहां एक खुला स्टडी सेंटर भी बनाया है। चेंबूर के प्रियदर्शनी पार्क में आप छत्रपति शिवाजी महाराज के तमाम किलों के प्रतिरूपों के दर्शन कर सकते हैं।
एरोप्लेन और हैंगिंग गार्डन
जुहू तारा रोड पर पुलिस थाने के सामने लिंकिंग रोड पर मौजूदा उद्यान में बोइंग ७०७-४०० की एरोप्लेन की यह कंक्रीट प्रतिकृति १९६० के दशक में एयर इंडिया ने भेंट की थी, जब उसने अपने बेड़े में इसे शामिल किया था। मार्च, २००९ में विमान का बायां पंख दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से एक आठ वर्षीय बच्चे की मौत हो जाने के बाद यह विमान कई वर्ष बंद रहा। आखिरकार २०११ में इसे ध्वस्त कर दिया गया। इसका नया लघु रूप जो आप देखते हैं जून, २०१४ में मुंबई मनपा के पुनर्निर्माण की देन है। ५,४४,००० वर्ग फुट में पैâला मझगांव का जोसेफ बैप्टिस्टा के नाम का गार्डन शहर के सबसे बड़े और पुराने बागों में से है। मुंबई मनपा द्वारा यहां दुनिया के सात आश्चर्यों के प्रतिरूप स्थापित किए जाने के बाद २.६ करोड़ रुपए की परियोजना पूर्ण होने के बाद यह मुंबई का नया पर्यटक आकर्षण बन गया है। स्वतंत्रता सेनानी काका या जोसेफ बैप्टिस्टा के नाम का गार्डन, दरअसल उद्यान नहीं, मलबार हिल के बाहर मुंबई में यह दूसरा हैंगिंग गार्डन है, जिसके नीचे छिपा है तीन टंकियों वाला मुंबई का एक प्रमुख जलाशय।
जीजाबाई भोसले वनस्पति उद्यान
पेंग्विन से आंखें चार करने के लिए भायखला के वीरमाता जीजाबाई भोसले वनस्पति उद्यान व प्राणी संग्रहालय में भीड़ उमड़ी चली जा रही है। रानीबाग मुंबई का पहला सार्वजनिक उद्यान मुंबई का सबसे बड़ा खुला हरित क्षेत्र ही नहीं, सप्ताहांतों में मुंबई की सबसे बड़ी टूरिस्ट डेस्टिनेशन भी है। मुंबई के पांचवें हिस्से के बराबर, हर तरफ से शहरीकरण से घिरा बोरिवली नेशनल पार्क विश्व का यह अकेला शहरी वन है, जो कार्बन और दूसरे विषैले तत्वों को अवशोषित कर तापमान को नियंत्रित अगर न करे तो मुंबईकरों का जीना ही दूभर हो जाए। माहिम का सुरम्य महाराष्ट्र निसर्ग उद्यान मुंबई का हरियाला फेफड़ा होने के साथ शहर के सबसे विलक्षण स्थानों में से है। मलबार हिल का हैंगिंग गार्डन मुंबई का सबसे प्रसिद्ध ही नहीं, सबसे उपयोगी उद्यान भी है। इस झूलते बागीचे का वास्तविक नाम है सर फिरोजशाह मेहता गार्डन।
ठाणे और कल्याण शहरों के निवासियों को कुछ समय पहले ग्रैंड सेंट्रल पार्कों के तोहफे मिले हैं। चितलसर में ३,६०० वर्गमीटर भूखंड पर आर्ट डायरेक्टर नितिन देसाई द्वारा कुछ वर्ष पहले बनाए ‘नया ठाणे, पुराना ठाणे’ थीम पार्क के घटिया गुणवत्ता के कारण दम तोड़ने के ठाणे शहर के लिए नई संजीवनी बनकर आया है, कोलशेत में २० एकड़ में बना न्यू यॉर्क के ग्रैंड सेंट्रल पार्क और लंदन के हाइड पार्क से प्रेरित नमो ग्रैंड सेंट्रल पब्लिक पार्क, जो कश्मीर का मुगल गार्डन, चीन, मोरक्को और जापानी पार्क की थीम पर आधारित है। महाराष्ट्र का विशालतम सार्वजनिक उद्यान कहा जाने वाला कल्याण का ग्रैंड सेंट्रल पार्क योगी धाम में २५ एकड़ इलाके में फैला है। कुछ अलग बागीचे
वडाला का भक्ति पार्क नक्षत्रों और राशि वाले वृक्षों के साथ मियावाकी वन का उद्यान है। दहिसर का जरी-मरी गार्डन आयुर्वेदिक औषधियों के लिए प्रसिद्ध है। दादर का वसंत प्रभु उद्यान पहला म्यूजिकल गार्डन है। चारकोप और मुलुंड में भी ऐसे उद्यान गार्डन हैं। कोलाबा के एक मनपा उद्यान में एक जिम भी है। भायखला का बेबी गार्डन सिर्फ महिलाओं के लिए रिजर्व है। बांद्रा बैंडस्टैंड सहित बच्चों के लिए कई पार्क हैं। सांताक्रुज के राजेश खन्ना गार्डन सहित कई बागों में टॉय ट्रेन भी हैं। जुहू के केशवजी बलिराम हेडगेवार उद्यान में दिव्यांग बच्चों के लिए खेल सुविधाओं का निर्माण किया गया है। भांडुप में पहला जापानी उद्यान। कई उद्यानों में मियावाकी वन भी विकसित किए गए हैं।
कुछ मशहूर बागीचे
भगवानदास तोदी गार्डन, मरीन ड्रॉइव, बाबुलनाथ बैंड स्टैंड गार्डन, क्रॉस मैदान पार्क, जवाहरलाल नेहरू गार्डन, मंत्रालय, एस. के. पाटील उद्यान, चर्नी रोड, सीताराम शेणाय गार्डन, सैंडहर्स्ट रोड, बिंदुमाधव ठाकरे उद्यान, लालबाग, पी. टी. माने उद्यान, नागपाड़ा, इंदुलाल बुआ गार्डन व महर्षि कर्वे पार्क (वडाला), प्रमोद महाजन कला पार्क, चार कॉर्नर्स गार्डन व पारसी कॉलोनी (दादर), साने गुरूजी उद्यान, प्रभादेवी, हॉपर्स गार्डन, माटुंगा, सायन सर्किल गार्डन, एकनाथ कोपर्डे उद्यान, कुर्ला, चेंबूर हिंदुजा पार्क, माहिम।
(जारी)
(लेखक ‘नवभारत टाइम्स’ के पूर्व नगर
संपादक, वरिष्ठ पत्रकार और स्तंभकार हैं।)