उदय पंकज, कल्याण
हर व्यक्ति के अपने गुण होते हैं, जो उसको निम्न और महान बनाते हैं। जीवन में तभी सफल होते हैं, जब हमारी सफलता, सुख सभी हमारे व्यक्तित्व अर्थात हमारे गुणों पर ही निर्भर करता है। करोड़ों लोगों में कुछ ही लोग महान और जीवन को सफल बना पाते हैं। गुणवान व्यक्ति सफल इसलिए हो पाते हैं, क्योंकि उनके विचारों से उनके गुण बनते हैं। जो गुणवान होता है वो सदा नम्रता के साथ रहता है। नम्रता व्यक्ति का एक महत्वपूर्ण गुण है, जो व्यक्ति के सामाजिक, संबंधों पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।
नम्रता से ही हम दूसरों के साथ संबंधों और सहानभूति को बेहतर समझ सकते हैं। नम्रता से ही हम समाज में सहयोग की भावना विकसित कर सकते हैं। जो नम्र नहीं होते, उनको समाज में हम अलग-थलग देखते हैं क्योंकि उनकी वाणी, उनका व्यवहार और दूसरों के प्रति उनके मन में अपनेपन का भाव नहीं होता। जब ऐसा व्यक्ति किसी के साथ अच्छे संबंध नहीं बना पाता तो वह खुद को अकेला पाता है। ऐसा व्यक्ति चिंतित, दुखी और चिड़चि़ड़े स्वभाव वाला बनकर परिवार और समाज में अपनी प्रतिष्ठा, सम्मान और सहानभूति को खो देता है। वह जीवन में किसी भी कार्य को सफलतापूर्वक नहीं कर पाता।
जो नम्र होते हैं, वही अपनी गलतियों को जान सकते हैं। ऐसे नम्र लोग ही दूसरों से सीखने का भी सदा प्रयास करते हैं। इसी गुण के कारण उनकी सामाजिक छवि बनती जाती है और सम्मान पाते हैं। नम्रता से ही हमारी ओर लोग आकर्षित होते हैं। जब हम सभी के साथ अच्छे संबंध बनाने में सफल होते जाते हैं, तब हमारे हर कार्य सफल भी होते हैं। हम नम्र हैं तो कभी भी अहंकार और संघर्ष का भाव हमको छू नहीं सकेगा। इससे हमको मानसिक शांति और संतोष भी मिलेगा। नम्रता हमारे जीवन में समृद्धि, सुख और संतुलन प्रदान करती है। नम्रता जीवन को सफलता के मार्ग प्रशस्त करती है। हम नम्रता के लिए आत्मजागरुकता, अच्छे विचार, सकारात्मक सोच, अपने भाव और प्रक्रियाओं का स्वयं आकलन करके जान सकते हैं कि हम किस तरह से अहंकार और कटुता से अपनी वाणी का प्रयोग करके लोगों को मित्र की बजाय शत्रु बना रहे हैं।
हम अपने अहंकार से समाज में बहुत कुछ खो देते हैं, जो हमको मिलना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हो पाता। यदि हम खुद को नम्र बनाने का प्रयास करेंगे तो हम अपने अहंकार पर नियंत्रण रखने में सक्षम होंगे। कहते हैं कि नम्रता विचारों से ही होती है। जब हमारी सोच और विचार सकारात्मक, प्रेममय और प्रेम पूर्ण होंगे, तभी हमारा व्यवहार भी औरों के लिए प्रेमपूर्ण और मैत्री से परिपूर्ण हो होगा। हमको नम्रता को अपने जीवन की खुशहाली और सफलता के लिए अपनाकर अपने जीवन को सफल बनाने का प्रयास करना ही चाहिए। हमारा हित इसमें ही है कि हम एक नेक और अच्छे इंसान बनें। एक नेकनीयत, आत्मीयता के साथ सकारात्मक, संतुलित, नैतिक और मानवीय मूल्यों को अपनाकर अपना जीवन सफल बनाएं। जीवन महत्वपूर्ण है और महत्वपूर्ण है समाज में हमारा प्रतिनिधित्व।