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फरियादियों की आवाज दबाना अंग्रेजों से भी बड़ी तानाशाही! … पृथ्वीराज चव्हाण का महायुति सरकार पर हमला

सामना संवाददाता / मुंबई
पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया कराना चुनाव आयोग का कर्तव्य है, लेकिन लोगों को अब इस प्रक्रिया पर विश्वास नहीं रहा। पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने आरोप लगाया कि अगर ईवीएम के खिलाफ शिकायत करनेवाली ग्राम सभाओं के खिलाफ शिकायत करनेवालों को अदालत या पुलिस प्रणाली से धमकी दी जाती है तो यह अंग्रेजों से भी अधिक गंभीर तानाशाही है।
सातारा कांग्रेस कमेटी ने ईवीएम हटाओ हस्ताक्षर अभियान चलाया। वह इस संबंध में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पृथ्वीराज चव्हाण बोल रहे थे। जिला प्रभारी श्रीरंग चव्हाण, जिला अध्यक्ष डॉ. सुरेश जाधव, पार्टी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता भी उपस्थित थे। पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, ‘लोकसभा के नतीजों के बाद चार महीने के भीतर हुई विधानसभाओं के नतीजे अप्रत्याशित हैं। प्रत्याशियों ने नतीजों को लेकर अविश्वास जताया है। चुनाव प्रक्रिया को लेकर जो सवालिया निशान उठे हैं, उन पर कदम उठाना सरकार की जिम्मेदारी है। यदि वे कदम नहीं उठाते हैं तो उन्हें आधिकारिक तौर पर घोषणा करनी चाहिए कि लोकतंत्र खत्म हो गया है।’ मांग है कि अगला चुनाव वोटिंग मशीनों की बजाय पेपर बैलट पर होना चाहिए।

चव्हाण ने इस बात पर अफसोस जताया कि अवैध सरकार को ढाई साल तक चलने दिया गया। शपथ न लेने पर विधायकी रद्द नहीं होती। महाविकास आघाड़ी के विधायकों ने शपथ नहीं ली है। इस बारे में चव्हाण ने कहा कि भले ही शपथ नहीं ली गई हो, लेकिन विधायक का शपथ रद्द नहीं होता है। ये विधायक भी सदन में जा सकते हैं। हालांकि, कोई हॉल में नहीं बोल सकता।

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