मुख्यपृष्ठनए समाचारमोदी-योगी में वर्चस्व वॉर! ...अब यूपी सरकार खुद करेगी डीजीपी की नियुक्ति

मोदी-योगी में वर्चस्व वॉर! …अब यूपी सरकार खुद करेगी डीजीपी की नियुक्ति

केंद्र से राज्य कैबिनेट ने छीना अधिकार
सामना संवाददाता / लखनऊ
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार काफी समय से कार्यवाहक डीजीपी से काम चला रही है। स्थाई पुलिस महानिदेशक यानी डीजीपी की नियुक्ति को लेकर योगी और मोदी सरकार के बीच विवाद बना हुआ है। अब योगी सरकार ने पुलिस मुखिया की नियुक्ति को लेकर कैबिनेट में एक बड़ा निर्णय ले लिया है। योगी कैबिनेट के इस फैसले के बाद लखनऊ से लेकर दिल्ली तक राजनीति गरमा गई है। उधर इसको लेकर विपक्षी दलों ने सरकार पर जोरदार हमला बोल दिया है।
योगी कैबिनेट के फैसले के पॉलिटिकल मायने भी निकलने लगे हैं। मीडिया में अक्सर सीएम योगी और केंद्र सरकार के बीच तनातनी की खबरे चलती रही है। कैबिनेट में इस तरह का निर्णय लेना इन खबरों पर मुहर लगाता है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि योगी कैबिनेट का ये फैसला व्यवस्था में दखल देने जैसा है, जो कि गलत है। इस फैसले से सीएम योगी और केंद्र सरकार की अनबन की खबरों पर कहीं न कहीं मुहर लग रही है। वहीं पूर्व डीजीपी ने कहा कि ये निर्णय सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अनुरूप है।
हालांकि ये बात भी सही कि इतने सालों से यूपी को स्थाई डीजीपी नहीं मिल पा रहा था। इसलिए राज्य सरकार की मजबूरी हो गई थी कि वो अपना फैसला खुद लें। वहीं पूर्व डीजीपी एके जैन का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट अपने एक निर्णय में राज्य सरकार से डीजीपी की नियुक्ति के लिए नियम बनाने के लिए कह चुका है। ये नियम उसी के आधार पर बनाया गया है। अब इसी नियम को फॉलो किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस फैसले से कार्यवाहक डीजीपी की व्यवस्था से बचा जा सकेगा और अच्छा कार्य होगा। एके जैन ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए पंजाब सरकार ने दो साल के लिए अपना डीजीपी नियुक्त कर लिया है। पूर्व में भाजपा ने कहा कि डीजीपी एक ऐसा पद होता है जो मुख्यमंत्री के विश्वास का होना चाहिए। अगर मुख्यमंत्री को डीजीपी पर ही विश्वास नहीं होगा तो कोई काम नहीं हो सकता है। मुख्यमंत्री के स्तर से चुने गए डीजीपी का समाज में संदेश चला जाता है। इस स्थिति में डीजीपी के निर्देश का सख्ती से पालन होगा। तब डीजीपी के निर्देश को कोई हल्के में नहीं लेता है। सरकार का ये फैसला हर तरीके से ठीक है। दरअसल योगी सरकार की सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण पैâसले लिए गए हैं। इसमें सबसे ज्यादा जिस निर्णय की चर्चा हो रही है वो है, डीजीपी नियुक्त करने को लेकर कैबिनेट में लिया गया फैसला। योगी कैबिनेट ने चयन नियमावली २०२४ को मंजूरी दे दी है। इसके बाद प्रदेश के पुलिस मुखिया यानी डीजीपी की नियुक्ति अब राज्य सरकार कर सकेगी।

 

हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में बनेगी कमेटी
डीजीपी की नियुक्ति के लिए हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में ५ सदस्यीय कमेटी गठित की जाएगी, जो डीजीपी की नियुक्ति पर अपना निर्णय देगी। इस कमेटी में रिटायर्ड जज के साथ ही मुख्य सचिव, यूपीएससी की ओर से नामित एक अफसर, यूपी लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष और उनकी ओर से नामित सदस्य, अपर मुख्य सचिव या प्रमुख गृह सचिव और एक पूर्व डीजीपी शामिल रहेंगे।

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