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राहुल नार्वेकर से सुप्रीम कोर्ट नाराज : बोला, विधायकों की अपात्रता के मुद्दे पर न करें समय बर्बाद! …एक सप्ताह के भीतर सुनवाई करने का दिया निर्देश

सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित १६ गद्दार विधायकों की अपात्रता का मामला पिछले पांच महीनों से महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के पास प्रलंबित है। कल सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर को सख्त लहजे में खरी-खोटी सुनाते हुए कहा कि इस मामले में फैसला सुनाते समय कोई डेडलाइन नहीं दी गई है, इसका मतलब यह नहीं है कि आप अदालत की अवमानना ​​करें। कोर्ट ने निर्देश दिया कि विधायक अपात्रता मामले में समय बर्बाद न करें। सुप्रीम कोर्ट ने जोर देकर कहा कि कोर्ट ने जो फैसला दिया है, उसका आदर और सम्मान करना चाहिए। मुख्य न्यायाधीश धनंजय चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने विधानसभा अध्यक्ष को फटकार लगाते हुए कहा कि एक सप्ताह के भीतर सुनवाई करें और स्टेटस रिपोर्ट पेश करें और स्पष्ट करें कि पैâसला कब तक आएगा। कोर्ट ने कहा कि इस पर अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी।

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के प्रतोद सुनील प्रभु ने विधायक अपात्रता के मुद्दे की सुनवाई में जानबूझकर देरी करने का आरोप विधानसभा अध्यक्ष पर लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। याचिका में प्रभु ने कोर्ट से अनुरोध किया कि विधानसभा अध्यक्ष को इस सुनवाई को समय पर पूरा करने का निर्देश दिया जाए। सोमवार को मुख्य न्यायाधीश डॉ. धनंजय चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्या. मनोज मिश्रा की संयुक्त खंडपीठ के समक्ष प्रभु की याचिका पर सुनवाई हुई।
फैसला कब आएगा बताइए?
सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर राहुल नार्वेकर से कहा कि ११ मई २०२३ को हमने पैâसला सुनाया, उसके बाद आपने कुछ नहीं किया। अभी तक आपने विधायकों की अपात्रता पर सुनवाई के लिए सिर्फ तारीखें दी हैं। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष को पूछा कि बताइए इस मामले में कितने दिन में पैâसला आएगा? कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर को आदेश दिया कि वह इस मामले में सुनवाई पूरी कर जानकारी कोर्ट में पेश करें और स्पष्ट करें कि विधायक की अपात्रता पर सुनवाई कब पूरी होगी।
पद और अधिकार का पालन करें
विधानसभा अध्यक्ष एक संवैधानिक पद है। दसवीं अनुसूची के तहत इस पद को न्यायिक शक्तियां प्राप्त हैं। विधानसभा अध्यक्ष यह रुख नहीं अपना सकते कि हम ही सुनवाई करेंगे। उन्हें समय के भीतर सुनवाई पूरी करनी चाहिए। ये सुनवाई हमेशा चलती नहीं रहेगी। इस सुनवाई को समय पर पूरा करने के लिए एक समयबद्ध योजना बनाई जानी चाहिए। कोर्ट ने यह आदेश देते हुए सुनवाई स्थगित कर दी कि विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के माध्यम से एक सप्ताह के भीतर सुनवाई पूरी कर नतीजा कब तक आएगा, इसकी सारी जानकारी कोर्ट को सौंपें।
कोई जल्दी नहीं : राहुल नार्वेकर
मुझे अभी तक सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी नहीं मिली है। जब मुझे यह प्रति मिल जाएगी तो मैं इसके बारे में पूरी जानकारी दूंगा।’ उसके बाद मैं उचित निर्णय लूंगा। जल्द से जल्द कार्यवाही पूर्ण की जाएगी। इसमें कोई देरी नहीं होगी, ऐसी प्रतिक्रिया राहुल नार्वेकर ने दी।

• विधायकों की अपात्रता को लेकर दोनों गुटों की ओर से कुल ३४ याचिकाएं दायर की गई हैं। इन याचिकाओं पर एक सप्ताह के भीतर सुनवाई करें। इस सुनवाई में कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष को दिए आदेश में कहा है कि अंतिम फैसले को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए।
•  कोर्ट ने कहा कि हमने ११ मई को विधायक अपात्रता को लेकर पैâसला सुनाया था और आदेश दिया था कि विधायक अयोग्यता का पैâसला तय समय में लिया जाए। फिर भी आपने अब तक कुछ नहीं किया। आप को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का आदर और सम्मान करना चाहिए, ऐसा न करते हुए आप सिर्फ तारीख पर तारीख दे रहे हो।

 

 

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