सामना संवाददाता / मुरादाबाद
महज १० रुपए…, सीमा के परिवार पर इतने भारी पड़ जाएंगे, उसने कभी सोचा भी नहीं होगा। वो दोनों बेटों और बेटी को घर में रहकर पढ़ाई करने की सलाह देकर खेत से पशुओं के लिए चारा लेने गई थी, लेकिन वापस आई तो आयुष गायब था। पूछताछ करने पर पता चला है कि वह स्वीमिंग पूल में नहाने गया है।
सीमा का कहना है कि दस रुपए के लिए उसके बेटे की स्वीमिंग पूल संचालक ने हत्या की है। मेरे बेटे को मौत के घाट उतारते हुए आरोपियों के हाथ क्यों नहीं कांपे। सीमा ने बताया कि डेढ़ साल पहले पति की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। पति की मौत के बाद न खेती के लिए जमीन और न ही घर का खर्च चलाने के लिए कमाई का कोई जरिया था, जिस कारण सीमा ने मजदूरी करना शुरू कर दिया था। वह बेटे-बेटी को पढ़ाकर होनहार बनाना चाहती थी, लेकिन आरोपियों ने आयुष को मौत के घाट उतार दिया। महिला ने बताया कि वीरपाल ने गांव में स्वीमिंग पूल बना लिया था। वो बच्चों से दस-दस रुपए लेता था। आयुष भी नहाने चला जाता था। महिला ने बताया कि उसके साथ नहाने गए अन्य बच्चों ने उसे बताया है कि वीरपाल और उसके पिता ने आयुष को पकड़ लिया था। उससे दस रुपए मांग रहे थे, लेकिन रुपए न देने पर उसे नहीं छोड़ा था। इसके बाद अन्य बच्चे अपने घर आ गए थे।
घटना की जानकारी मिलने पर डीआईजी मुनिराज महिला के घर पहुंचे तो वह अपना दर्द बयां करते हुए बेसुध हो गई। वीरपाल और उसके पिता ने डेढ़ माह पहले गांव में स्वीमिंग पूल बनाया था। आरोपी पिता-पुत्र स्विमिंग पूल में नहाने के लिए बच्चों से दस-दस रुपए लेते थे, जबकि बड़ों से ५० रुपए लेते हैं।