मुख्यपृष्ठस्तंभझांकी: २० की बोतल पर ५० की जमानत

झांकी: २० की बोतल पर ५० की जमानत

उड़ीसा के भुवनेश्वर में नंदन कानन जूयोलाजिक पार्क में एक शानदार नियम लागू किया गया है, जिसके चलते पार्क में प्लास्टिक की एक भी खाली बोतल नहीं दिखती है। पार्क में जाते वक्त अगर आप पानी या शीतपेय की बोतल या किसी भी तरह का प्लास्टिक का सामान लेकर जाते हैं तो उस पर ५० रुपए का स्टीकर लगवाना जरूरी है। यह रुपए रिफंडेबल हैं लेकिन तभी जब बोतल को वापस लेकर आएंगे। इसका असर देखिए कि कई किलोमीटर में पैâले नंदन कानन में एक भी प्लास्टिक की बोतल या कचरा नजर नहीं आता है। पचास रुपए वापस लेने के लिए हर कोई अपनी खाली बोतलें साथ लेकर ही जाता है। भारत में बहुत से पर्यटन स्थलों पर इसे प्रारंभ किया जा सकता है। खासकर, लंबी दूरी की ट्रेनों सहित सार्वजनिक यातायात के अन्य सभी माध्यमों पर यह फॉर्मूला आजमाया जा सकता है, ताकि ट्रेन के डिब्बे प्लास्टिक बोतलों का भंगार गृह न बन सकें।
दिल्ली-पटना उड़ान २७ घंटे
दिल्ली से पटना आ रहे स्पाइस जेट विमान एसजी ८४७१ के यात्रियों को शुक्रवार को पटना पहुंचने में २७ घंटे लग गए। इस विमान को खराब मौसम की वजह से गुरुवार को दिल्ली से पटना आने के क्रम में बाबतपुर एयरपोर्ट पर डाइवर्ट करना पड़ा था। विमान के यात्रियों को वाराणसी में ही रातभर रुकना पड़ा। विमान के पटना आने का समय गुरुवार की रात करीब ९ बजे था, पर दिल्ली से यह फ्लाइट देर से रवाना हुई। दिल्ली से उड़ान भरने के बाद एयरलाइंस ने पटना एटीसी को इसकी सूचना नहीं दी। रात साढ़े नौ बजे एटीसी बंद हो गया, तब तक वह फ्लाइट वाराणसी से आगे पहुंच चुकी थी। उसके बाद वाराणसी में इस फ्लाइट को रात करीब ११ बजे लैंड कराया गया। इस विमान से दिल्ली से करीब १७३ यात्री पटना आनेवाले थे। वाराणसी में फंसे यात्रियों में करीब १०० यात्रियों को शुक्रवार को दो बसों से पटना भेजा गया, जबकि शेष यात्रियों को वाराणसी से लेकर विमान शुक्रवार की शाम ७ बजे पहुंचा। दूसरी तरफ पटना से इसी फ्लाइट से जानेवाले करीब १६५ यात्री गुरुवार को दिन के ढाई बजे ही पटना एयरपोर्ट पहुंच गए थे। विमान को साढ़े चार बजे जाना था, पर उसे अचानक रीशिड्यूल कर दिया गया। इस वजह से यात्री विमान का इंतजार करते रहे। पटना के रहनेवाले स्थानीय यात्री अपने घर चले गए, जबकि बाहर के यात्रियों को पटना के एक होटल में ठहराया गया। कुछ ने टिकट रद्द करा दिया। अन्य यात्रियों को एयरलाइंस ने दूसरी फ्लाइट से दिल्ली भेजा। करीब ७० यात्री शुक्रवार की शाम ७.३० बजे दिल्ली के लिए रवाना हुए। पटना से लेकर दिल्ली और वाराणसी तक यात्रियों व उनके परिजनों के बीच अफरातफरी मची रही।
जीरो रिजल्ट
विकास के गुजरात मॉडल में इस साल दसवीं कक्षा के नतीजे हाथ में सेंगोल थामे गुफा योगी को मुंह चिढ़ा रहे हैं। भक्तिरस में डूबा गोदी मीडिया न तो इस खबर पर बहस करेगा और न ही इस खबर को खबर लायक समझेगा। गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा परिषद के कक्षा १० के नतीजे आ चुके हैं और इन नतीजों के मुताबिक १५७ स्कूल ऐसे हैं, जहां कोई भी परीक्षार्थी कक्षा १० उत्तीर्ण होने में नाकाम रहा। गुजरात बोर्ड का कुल उत्तीर्ण प्रतिशत ६४.६२ प्रतिशत है। जहां तक उत्तीर्ण प्रतिशत का संबंध है, सूरत ७६ प्रतिशत के साथ अव्वल रहा। दाहोद केवल ४०.७५ प्रतिशत उत्तीर्ण दर के साथ सूची में सबसे नीचे है। ६,१११ छात्र ए-१ ग्रेड के साथ उत्तीर्ण हुए, ४४,४८० छात्र ए-२ ग्रेड के साथ उत्तीर्ण हुए, और १,२७,६५२ छात्रों ने बी-२ ग्रेड के साथ परीक्षा उत्तीर्ण की। जबकि गुजराती भाषा विषय में ९६ हजार छात्र फेल हुए हैं और प्राथमिक गणित में १.९६ लाख छात्र फेल हुए हैं। २७२ स्कूलों का परिणाम शत-प्रतिशत रहा। १,०८४ स्कूलों में ३० प्रतिशत से कम विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए हैं। १५७ स्कूलों ने शून्य पास प्रतिशत दर्ज किया। परीक्षा में दोबारा बैठनेवाले १,६५,६९० छात्रों में से केवल २७,४४६ उत्तीर्ण हुए।

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