अजय भट्टाचार्य
भाजपा में असंतोष बढ़ने के साथ ही उन नेताओं के बीच स्पष्ट तनाव है, जो पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने और उन्हें `मोदी परिवार’ में शामिल करने के लिए कई कदम उठा रहे हैं। पिछले सप्ताह अमदाबाद भाजपा कार्यकर्ताओं की एक सभा आयोजित की गई थी जिसमें सभी पूर्व और वर्तमान पार्षदों, विधायकों और अन्य पदाधिकारियों को आमंत्रित किया गया था और नेताओं ने उन्हें उत्साहवर्धन किया था। कार्यकर्ताओं से कहा गया कि हम एक परिवार हैं और जीत के लिए एकजुट होकर लड़ेंगे। इस बैठक में पार्टी के दिग्गज नेता व पूर्व राज्यसभा सांसद सुरेंद्र काका भी शामिल थे। बैठक में लगभग ४०० कार्यकर्ता शामिल हुए, जिसमें उन्हें श्रीखंड-पूड़ी परोसी गई और भगवा रंग की माला उपहार में दी गई। उपहार के बारे में सदस्यों के बीच कानाफूसी होने लगी और उनमें से एक ने चुटकी लेते हुए कहा, `भाजपा जाप करो’।
कांग्रेस जोश में
रूपाला प्रहसन ने कांग्रेस में जान फूंक दी। कांग्रेस को अपना चुनावी जादू वापस मिल गया है। राजकोट में क्षत्रिय आंदोलन के बाद हालात बदलने से पहले चुनाव लड़ने से इनकार करने वाले परेश धनानी को कांग्रेस ने राजकोट से मैदान में उतारा है। मेहसाणा में ठाकोर समुदाय के युवा चेहरे रामजी ठाकोर और पोरबंदर में मेर समुदाय के युवा चेहरे राजू ओडेदरा को भी नामांकित किया गया है। बीजापुर विधानसभा में सामाजिक-शैक्षिक कार्यों से जुड़े दिनेश पटेल को टिकट दिया गया है। कांग्रेस ने भी बनासकांठा से गेनीबेन ठाकोर और वलसाड से अनंत पटेल को टिकट देकर भाजपा को चुनौती दी है। कुछ हफ्ते पहले जो पार्टी क्या करें क्या न करें की दुविधा में फंसी थी, वह सबसे पुरानी पार्टी अचानक भाजपा को कड़ी टक्कर देने के लिए उत्साह से भरी नजर आ रही है। दूसरी तरफ भाजपा के बाद भावनगर लोकसभा सीट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार और बोटाद विधायक उमेश मकवाना ने भी क्षत्रियों के खिलाफ विवादित टिप्पणी कर शाही गलती को दोहराया। उन्होंने कथित तौर पर कहा कि अतीत में राजा अफीम के प्रभाव में रहते थे। अंग्रेज राजा-महाराजाओं को नशे की लत लगाकर उन्हें कमजोर करने के लिए भारत में अफीम लेकर आए। परिणामस्वरूप, राजाओं ने अपने राज्यों पर नियंत्रण खो दिया। मकवाना ने भी बाद में अपना बयान वापस नहीं लेते हुए कहा कि मुझे गलत तरीके से उद्धृत किया जा रहा है, लेकिन मैं रूपाला की तरह पीछे नहीं हटूंगा।
डरा हुआ सेनापति
क्षत्रिय समाज से पंगा लेकर भाजपा के राजकोट सीट से प्रत्याशी परषोत्तम रूपाला तिहरी परेशानी से जूझ रहे हैं। हालत यह है कि उनकी पार्टी का सेनापति भी डरा हुआ लग रहा है। रूपाला को नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले ही क्षत्रिय समुदाय के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। अब एक शक्तिशाली लेउवा पटेल नेता ने राजकोट सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार परेश धनानी को समर्थन की पेशकश की है। राजकोट निर्वाचन क्षेत्र में लेउवा पटेलों की संख्या कड़वा पटेलों से अधिक है। रूपाला के माथे पर चिंता की सलवटें उभारने के लिए मानो ये दो कारक पर्याप्त नहीं थे। पता चला है कि उनकी पार्टी के सर्वोच्च नेता जो हर लोकसभा क्षेत्र में यह घोषणा करते हैं कि आप उम्मीदवार मत देखो, मुझे देखो और यह मानकर पार्टी उम्मीदवार को वोट दो कि वह वोट मुझे ही दिया जा रहा है। उन सर्वशक्तिमान महाबली नरेंदर दामोदरदास मोदी की भी राजकोट में सार्वजनिक रैली करने की हिम्मत नहीं हो रही है। खबर है कि रैली के दौरान कहीं रजवाड़े और उनके समर्थक सड़क पर आ गए तो स्वयंभू विश्वगुरु की प्रतिष्ठा को ठेस लग सकती है। अभी तक बरास्ता सड़क मार्ग से हेलिकॉप्टर पर सवार होकर उनका राजकोट जाने का कार्यक्रम नहीं बना है। यह बात भी गौर करने लायक है कि मोदी पहली बार राजकोट से ही विधायक चुने गए थे। लगता है क्षत्रियों के ताप से महाबली घबड़ा गए हैं।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं तथा व्यंग्यात्मक लेखन में महारत रखते हैं।)