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झांकी : दिल्ली में चिंतन शिविर

अजय भट्टाचार्य
जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने चिंतन शिविर की अवधारणा पेश की थी। अब चिंतन शिविर की उसी अवधारणा को दिल्ली में भी पेश किया गया है। पिछले हफ्ते, मोदी ने कार्मिक विभाग के लिए एक शिविर आयोजित किया, जिस मंत्रालय के वह प्रमुख हैं। उन्होंने जनता की शिकायतों और पेंशन के मुद्दे पर एक घंटे से अधिक समय तक बात की। उन्होंने लोगों की शिकायतों को दूर करने के लिए २००३ में उनके द्वारा शुरू किए गए ‘स्वागत पोर्टल’ के बारे में भी बताया। यह ध्यान दिया जा सकता है कि २०१४ में मोदी के प्रधानमंत्री के रूप में दिल्ली जाने के बाद भी गुजरात में यह चलन जारी है। यह अलग बात है कि सफलता-असफलता को भूल जाती है लेकिन अच्छी प्रथाओं को बेंचमार्क यानि तल चिह्न बनाए रखने में कोई बुराई भी नहीं है।

सोमन्ना की परिक्रमा शुरू
जब यह तय हो गया है कि कर्नाटक में मौजूदा भाजपा विधायकों के टिकट नहीं कटेंगे, तब मौजूदा विधायक अपने साथ-साथ कुनबे का भी भविष्य सुरक्षित करने में लग गए हैं। भाजपा न छोड़ने का राग अलापनेवाले आवास मंत्री वी. सोमन्ना ने बुधवार को दिल्ली परिक्रमा पर थे। सोमन्ना के साथ केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और प्रह्लाद जोशी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की। बैठक के दौरान सोमन्ना ने चामराजनगर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए टिकट मांगा। उन्होंने अपने बेटे अरुण सोमन्ना को अपने गोविंदराजनगर निर्वाचन क्षेत्र या भाजपा संगठन में एक प्रमुख पद से चुनाव लड़ने के लिए पार्टी का टिकट भी मांगा। अगर सब कुछ सोमन्ना की योजना के मुताबिक रहा तो उनके बेटे को पार्टी में जगह मिलने की उम्मीद है। शाह से मिलने से पहले सोमन्ना ने कहा कि वह किसी ‘आधिकारिक काम’ से दिल्ली आए थे। मैं ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ के कार्यान्वयन से संबंधित कुछ मुद्दों को हल करने के लिए दिल्ली आया था। वैसे बात यह है कि वह भाजपा नेता बी. वाई. विजयेंद्र के खिलाफ शिकायत करने दिल्ली आए थे। विजयेंद्र, येदियुरप्पा के बेटे हैं और येदियुरप्पा ने कहा था कि सात विधायकों के टिकट कट सकते हैं। सोमन्ना इस सात में किस नंबर पर हैं, शायद यही जानने वे दिल्ली पहुंचे थे। गौरतलब है कि अरुण सोमन्ना और विजयेंद्र ने ऐसे बयान जारी किए थे, जिससे पार्टी को शर्मिंदगी उठानी पड़ी थी।

महबूबा की शिव भक्ति पर बवाल
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भाजपा और मौलानाओं के निशाने पर हैं। पुंछ के दौरे के दौरान एक शिव मंदिर में महबूबा द्वारा शिवजी का जलाभिषेक करने को लेकर भाजपा भन्नाई हुई है। महबूबा मुफ्ती ने जिस नवग्रह मंदिर का दौरा किया, इसका निर्माण पीडीपी के पूर्व एमएलसी यशपाल शर्मा ने करवाया था। मंदिर के अंदर यशपाल शर्मा की प्रतिमा भी लगाई गई है। मंदिर में अपने दौरे के दौरान उन्होंने मंदिर के हर हिस्से को देखा और वहां यशपाल शर्मा की प्रतिमा पर फूल चढ़ाए। इसके बाद उन्होंने पूरे मंदिर का चक्कर लगाया और शिवलिंग का जलाभिषेक भी किया। भाजपा ने मुफ्ती की मंदिर यात्रा को ‘नौटंकी’ बताया है। कुछ मौलानाओं ने भी महबूबा के इस कदम को इस्लाम के खिलाफ करार दिया है। इस पर महबूबा ने कहा कि भारत एक धर्म निरपेक्ष देश है और किसी के मंदिर जाने पर बवाल नहीं होना चाहिए। यह गंगा-जमुनी तहजीब है। यशपाल शर्मा ने मंदिर बनवाया था। मैं मंदिर अंदर से जाकर देखना चाहती थी। वहां किसी ने बड़े प्यार से मेरे हाथ में लोटा रख दिया। अब किसी ने इतनी श्रद्धा से लोटा रखा तो मैंने जल चढ़ा दिया। यह मेरा मामला है। इसमें ज्यादा बहस करने की जरूरत नहीं है। इससे पहले पूंछ लेह में महबूबा मुफ्ती ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि भाजपा का मकसद देश को हिंदू राष्ट्र बनाने का नहीं, बल्कि ‘भाजपा राष्ट्र’ बनाने का है।

लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं और देश की कई प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में इनके स्तंभ प्रकाशित होते हैं।

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